हैदराबाद : डॉ बी आर ओपन युनिवर्सिटी और सामाजिक विज्ञान विभाग की सोशल फोरम की ओर से ‘ओपन टॉक’ के अंतर्गत ‘यूक्रेन में संकट: परिणाम और अंजाम’ आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रमुख विश्लेषक व उस्मानिया विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के प्रोफेसर के नागेश्वर ने मुख्य वक्ता रूप में भाग लिया। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में निर्दोष लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।
नागेश्वर ने आगे कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का माहौल रातोंरात नहीं बना है। इसके पीछे तीन दशक का इतिहास है। उन्होंने उस समय में क्यूबा के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका की जो बुरी स्थिति थी, आज यूक्रेन मामले में भी रूस की वैसी ही स्थिति है। उन्होंने कहा कि पुतिन एकजुट रूस पर जोर दे रहे हैं। मगर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमानवीय हमले पर उतरना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं।
उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत का मित्रवत संबंध है और अमेरिका के साथ उसके रणनीतिक संबंध हैं। ऐसे हालत में भारत तटस्थ रहते हुए बड़ी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से अमेरिकी व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा। अमेरिकी व्यवसायी भी यही चाहते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान विभाग के डीन और सोशल फोरम के निर्माता प्रो घंटा चक्रपाणि की। उन्होंने कहा कि एक इस सामाजिक मंच की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस मंच का उद्देश्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे कईं घटनाओं के बारे में छात्रों और शोधकर्ताओं के बीच जागरूकता पैदा करना है।
टी-शॉट सीईओ शैलेश रेड्डी और उस्मानिया विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एम चेन्ना बसवय्या ने भी संबोधित किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के निदेशक, डीन, संकाय, गैर-संकाय कर्मचारी, शोध छात्र और अन्य उपस्थित थे।