हैदराबाद: हुजूराबाद उपचुनाव के नतीजों में नोटा को 1,036 वोट पड़े हैं। साल 2018 के चुनाव में नोटा को 2,867 वोट मिले थे। तब बीजेपी प्रत्याशी पुप्पाला रघु को 1,683 वोट पड़े थे। उस समय नोटा से भी कम वोट वाले बीजेपी ने इस बार विधानसभा सीट पर कब्जा किया है।
निर्दलीय को सबसे ज्यादा और कम वोट
निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले कंटे सायन्ना को 1,942 मत मिले हैं। वह तीन मुख्य दलों के बाद चौथे स्थान पर रहे हैं। सायन्ना का चुनाव चिह्न हीरा रहा है। प्रजा एकता पार्टी से चुनाव लड़ चुके सिलिवेरु श्रीकांत को 1,913 वोट मिले। वह पांचवें स्थान पर रहे है। उनका चुनाव चिह्न रोटीमेकर रहा है। निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े बुट्टेंगारी माधवरेड्डी महज 36 मतों के साथ सबसे अंतिम स्थान पर रहे हैं। इनका चुनाव चिह्न अंकूठी रही है।
पोस्टल बैलेट में टीआरएस की रही हवा
हुजूराबाद उपचुनाव में पोस्टल बैलेट में टीआरएस की हवा रही है। 777 पोस्टल बैलेट वोटों में से 455 वोट टीआरएस को मिले हैं। जबकि 242 वोट बीजेपी और 2 वोट कांग्रेस को मिले हैं। 48 वोट अमान्य रहे है।
दूसरी ओर टीपीसीसी अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने कहा कि हुजूराबाद उपचुनाव के नतीजों ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को काफी निराश किया है। हुजूराबाद चुनाव परिणाम के बाद रेवंत रेड्डी ने मीडिया से बात की।
उन्होंने कहा कि हुजूराबाद चुनाव नतीजों से किसी को निराश होने की जरूरत नहीं है। एक उपचुनाव पार्टी का भविष्य तय नहीं कर सकती है। बल्मुरी वेंकट को इस चुनाव से निराश होने की जरूरत नहीं है। वेंकट भविष्य में एक अच्छे नेता होंगे। कम समय में ज्यादा लोगों तक वेंकट पहुंचे हैं।
रेवंत रेड्डी ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष के रूप में जीतने पर खुशी और हारने पर निराश होने की आवश्यकता नहीं है। इस प्रकार के उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। हुजूराबाद उपचुनाव की हार की मैं पूरी तरह से जिम्मेदारी लेता हूं। हार की समीक्षा की जाएगी।