हैदराबाद (नरेन्द्र दिवाकर की रिपोर्ट) : कौशाम्बी (उत्तर प्रदेश) स्थित नगर पंचायत चरवा पूरब थोक निवासी मुकेश निर्मल पुत्र स्वर्गीय राम सजीवन एवं शांति देवी शुरू से ही पढ़ाई-लिखाई के प्रति बहुत सजग रहे हैं। इनकी यही सजगता ही कमजोर आर्थिक स्थिति को पढ़ाई के रास्ते में आड़े नहीं आने दिया।
इसी के चलते मुकेश ने सिंथेसिस ऑफ टॉसिलहाइड्राज़ोन एण्ड इट्स यूटिलाइजेशन फ़ॉर द सी-एच इंसर्शन रिएक्शन विषय पर डिजरटेशन पूर्ण किया। मुकेश बताते हैं कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, अन्य महान व्यक्तित्वों के जीवन संघर्षों और कार्यों की प्रेरणा तथा माता-पिता की प्रेरणा से ही आईआईटी तक का सफर पूरा कर पाया हूँ।
बताते चलें कि मुकेश निर्मल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही पूरी की तथा माध्यमिक 10 सीजीपीए व मध्यवर्ती शिक्षा 94 प्रतिशत केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड जवाहर नवोदय विद्यालय टेंवा कौशांबी से पूर्ण किया और दोनों कक्षाओं में विद्यालय और जिले में टॉपर रहे। इसके लिए मुकेश को तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा अमर उजाला भविष्य ज्योति (सत्र-2018-19) पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मुकेश ने बीएससी केमिस्ट्री ऑनर्स दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से 9 पॉइन्ट 4 सीजीपीए से पूर्ण किया।
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इसके बाद मुकेश ने ज्वाइंट एडमीशन टेस्ट फ़ॉर मास्टर्स (जैम) क्लियर कर आईआईटी रूड़की, उत्तराखण्ड में प्रवेश लिया और मास्टर्स ऑफ साइंस 8 पॉइन्ट 5 सीजीपीए के साथ पूर्ण किया। मुकेश का रिसर्च का टॉपिक “सिंथेसिस ऑफ टॉसिलहाइड्राज़ोन एण्ड इट्स यूटिलाइजेशन फ़ॉर द सी-एच इंसर्शन रिएक्शन” था। जिसके लिए 27 जुलाई को आयोजित दीक्षांत समारोह में 27 जुलाई 2024 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की द्वारा संचालित दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि देबजानी घोष, अध्यक्ष नैस्कॉम रिसर्च नीति आयोग द्वारा उपाधि प्रदान की गई।
मुकेश सीएसआईआर यूजीसी नेट जेआरएफ परीक्षा में जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए क्वालीफाई हुए, जिसमें पूरे भारत में 111वीं रैंक हासिल की। मुकेश ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिजनों, गुरुजनों और मित्रों को दिया। मुकेश का सपना अकादमिक जगत में जाने का है।