हैदराबाद : सोमवार को रक्षा मंत्रालय के उपक्रम मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानि) में मिधानि की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के तत्वावधान में कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय हिंदी कार्यशाला का आयोजन संपन्न हुआ।
प्रथम सत्र
प्रथम सत्र के वक्ता दिव्या नायर (वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी, एएसएल, डीआरडीओ) ने “राजभाषा में काम करें, क्यों और कैसे” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान के दौरान भारत संघ की राजभाषा के रूप में हिंदी के चुने जाने संबंधी घटनाओं के माध्यम से प्रतिभागियों को राजभाषा की ओर आकृष्ट करने का प्रयास किया।
राजभाषा नीति
राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि हिंदी का कामकाज प्रेरणा और प्रोत्साहन पर चलता है किंतु जानबूझकर राजभाषा कार्यान्वयन में बाधा डालता है या राजभाषा नीति का उल्लंघन करता है उसपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। ऐसा करने का अधिकार कार्यालय प्रधान के पास होता है। उन्होंने कार्यालय में प्रयुक्त होने वाले राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3 (3) के अंतर्गत आनेवाले दस्तावेजों में प्रयोग की जाने वाली भाषा का ज्ञान कराकर उनमें इस्तेमाल होने वाले सामान्य वाक्यांशों का अभ्यास करवाया।
द्वितीय सत्र
द्वितीय सत्र में उद्यम के भवनीश कुमार सिंह ने “ग्रीन स्टील निर्माण में CO2 उत्सर्जन को कम करने के लिए एक
दृष्टिकोण” विषय पर हिंदी में मल्टि मीडिया के माध्यम से व्याख्यान दिया। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के द्वारा प्रतिभागियों को ग्रीन स्टील निर्माण में CO2 उत्सर्जन को कम करने की विभिन्न तरीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मिधानि में CO2 उत्सर्जन को कम किया जा रहा है। ऊर्जा की पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता कम करने के लि मिधानि सौर ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है।
तृतीय सत्र
तृतीय सत्र में आईओसीएल के सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रबंधक (परियोजना) एम रंगराज अयंगार ने हिंदी का व्यावहारिक ज्ञान और व्याकरण विषय पर प्रतिभागियों के साथ चर्चा की। चर्चा के दौरान उन्होंने हिंदी से इतर भाषियों द्वारा हिंदी शब्दों के उच्चारण में दोष और उसके निवारण पर अभ्यास करवाया।
आयोजन की रूपरेखा
कार्यशाला के आरंभ में उद्यम के उप प्रबंधक (हिंदी अनुभाग एवं निगम संचार) डॉ. बी. बालाजी ने हिंदी कार्यशाला के आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की और कार्यालय में लागू हिंदी की विभिन्न योजनाओं का परिचय दिया। कार्यशाला के सफल आयोजन में हिंदी विभाग की श्रीमती डी रत्नाकुमारी, कनिष्ठ कार्यपालत (एनयूएस) का सक्रिय सहयोग रहा। अंत में सभी प्रतिभागियों को कार्यालय का दैनिक कामकाज राजभाषा में करने के लिए शपथ दिलाई गई।