कौशाम्बी (डॉ. नरेन्द्र दिवाकर की रिपोर्ट): राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार 8 दिसंबर को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फतेहपुर के तत्वावधान में जनपद फतेहपुर, बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी एवं प्रतापगढ़ के परविधिक स्वयं सेवक (पीएलवीज)हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम संवर्धन का आयोजन सरदार वल्लभ भाई पटेल सभागार में किया गया।
कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत दीप प्रज्वलन व अतिथियों को बुके भेंटकर स्वागत से हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फतेहपुर सुधीर कुमार पंचम के उद्बोधन से हुई। ततपश्चात चार तकनीकी सत्रों में विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा पराविधिक स्वयंसेवकों को केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा संचालित योजनाओं, आशा, साथी, जागृति, कारा, पॉक्सो अधिनियम, पॉश एक्ट, बाल श्रम, बाल विवाह निषेध अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम, सखी वन स्टॉप सेंटर की कार्यप्रणाली आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान कर प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कौशाम्बी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फतेहपुर, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बांदा, जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी, फतेहपुर, जिला प्रोबेशन अधिकारी फतेहपुर, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य, बाल कल्याण समिति कौशाम्बी और फतेहपुर के सदस्यों, सखी वन स्टॉप सेंटर से मनोवैज्ञानिक मोहिनी साहू आदि द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया।
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अंतिम सत्र में सभी जनपदों के सर्वश्रेष्ठ पीएलवीज राम प्रकाश पाण्डेय, सुमन शुक्ला, अमरदीप दिवाकर आदि ने पीएलवीज के द्वारा किए गए कार्यों के दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया गया। समापन सत्र में कौशाम्बी, फतेहपुर और बांदा के सचिवगण द्वारा प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। कार्यक्रम के दौरान सभी जनपदों के 2 श्रेष्ठ पीएलवी को सम्मानित किया गया। कौशाम्बी से पीएलवीज ममता दिवाकर और अमरदीप दिवाकर को जनपद न्यायधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फतेहपुर के द्वारा सर्वश्रेष्ठ पराविधिक स्वयं सेवक मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया गया।

इस संवर्धन कार्यक्रम में उपरोक्त जनपदों से सैकड़ों पीएलवीज ने सहभागिता कर ज्ञान और कौशल में अभीवृद्धि की जिससे वे अधिक कुशल और समर्थित कार्यबल के रूप में बेहतर संगठनात्मक प्रदर्शन कर सकें।

जनपद न्यायाधीश महोदय ने कहा कि प्रशिक्षण एक ऐसा निवेश है जो विभाग के कार्यबल को सशक्त बनाता है और संगठन को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करता है। प्रभावी प्रशिक्षण कार्यक्रम पीएलवीज को प्रभावी ढंग से काम करने में सक्षम बनाएगा जिससे उनके कार्यकुशलता में भी अभिवृद्धि होगी। उपरोक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और सैकड़ों की संख्या में पीएलवीज उपस्थित रहे।
