हैदराबाद: नामपल्ली स्पेशल कोर्ट ने टेलीग्राफ ट्रैफिक एंप्लॉयीज को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी में फंड की हेराफेरी के मामले में सनसनीखेज फैसला सुनाया। 53 करोड़ रुपये के डायवर्जन मामले में कोर्ट ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 2008 में मामला दर्ज किया गया था और 14 साल के लंबे मुकदमे के बाद नामपल्ली अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया।
आरोप साबित होने के बाद अदालत ने कंपनी के पर्यवेक्षक आकुला कृष्णमूर्ति को दोषी ठहराया। धारा-409 के तहत आरोपी को आजीवन कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही धारा-420 के तहत सात साल सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माना, वित्तीय प्रतिष्ठान के जमाकर्ताओं का संरक्षण अधिनियम की धारा -5 के तहत पांच हजार रुपये जुर्माना और दस साल का कठोर कारावास तथा एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि जुर्माना नहीं भरने पर अतिरिक्त 16 महीने साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। कोर्ट पीपी के इस दावे से सहमत जताई कि गैर-सदस्यों से पैसे लिए गये और कम जमा दिखाकर फंड को डायवर्ट किया गया। डिपॉजिटर्स एक्ट के लागू होने के बाद यह पहला मौका है जब किसी आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।