तेलंगाना में सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट, यह है इसकी खासियत

हैदराबाद : तेलंगाना में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (रामागुंडम, पेद्दापल्ली जिला) अपने थर्मल पावर प्लांट के जलाशय में सौ मेगावाट की बिजली उत्पादन क्षमता सहित भारत के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर प्लांट का निर्माण कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि यह सौर परियोजना 4.5 लाख फोटोवोल्टिक पैनलों के साथ 450 एकड़ में फैली होगी। जिसका भविष्य में विस्तार किया जा सकेगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 423 करोड़ रूपये है। इस परियोजना का लक्ष्य वर्ष 2022 तक भारत की 175 जीवी की स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करना है। जिसमें 100 जीवी की सौर स्थापित क्षमता शामिल है।

यह फ्लोटिंग सोलर प्लांट, भूमि-आधारित सौर संयंत्रों के लिए एक ऐसा व्यवहार्य विकल्प है, जिसमें जल निकायों की सतह पर फोटोवोल्टिक पैनलों की तैनाती की जाती है। यह फ्लोटिंग सोलर प्लांट्स महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करने में मदद करते हैं, जो अक्षय ऊर्जा संयंत्र मालिकों को ग्रिड कनेक्टिविटी, भूमि अधिग्रहण, विनियम के संबंध में झेलनी पड़ती हैं। इन फ्लोटिंग सोलर प्लांट्स को स्थापित करने का एक अन्य लाभ जल निकायों का शीतलन प्रभाव है, जिससे इन सौर पैनलों का प्रदर्शन 5-10 प्रतिशत बढ़ जाता है। भारत में पहला तैरता हुआ सौर ऊर्जा संयंत्र वर्ष 2014 में कोलकाता में स्थापित किया गया था।

हाल ही में मध्य प्रदेश के अक्षय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डांग ने यह घोषणा की थी कि 600 मेगावाट की दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी पर ओंकारेश्वर बांध में किया जाएगा। इस सौर ऊर्जा संयंत्र में बिजली का उत्पादन वर्ष 2022-2023 तक शुरू हो जाएगा। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह कहा गया है कि इस सौर परियोजना में अनुमानित निवेश तीन हजार करोड़ रुपये है। यह फ्लोटिंग सोलर एनर्जी पैनल 600 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता पर काम करेंगे।

नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड पहले राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। भारत में बिजली उत्पादन में तेजी लाने के लिए वर्ष 1975 से भारत का सबसे बड़ा ऊर्जा समूह है। कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत निगमित एनटीपीसी लिमिटेड एक भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। एनटीपीसी की फ्लोटिंग सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने और इसकी ऊर्जा के उत्पादन को तीस फीसदी तक बढ़ाने के लिए एक प्रयास है। एनटीपीसी ने मई 2010 में भारत की महारत्न कंपनी का खिताब अर्जित किया। (एजेंसियां)

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