हैदराबाद : खैरताबाद महागणपति का विसर्जन संपन्न हुआ। तीन बजे के आसपास महागणति को हुसैन सागर में बड़े क्रेन की मदद से विसर्जन किया गया। महागणपति का यह आखिर विसर्जन है। हाईकोर्ट के आदेश के चलते भाग्यनगर गणेश महोत्सव समिति ने अगले साल से टैंक बंड में महागणपति का विसर्जन नहीं करने का फैसला लिया है। बदले में वैकल्पिक व्यवस्था करने का ऐलान किया है।
आपको बता दें कि हुसैन सागर में लाखों गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन किये जाने से जल प्रदूषित होने के संबंध में उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को विसर्जन के लिए विशेष इंतजाम करने और पर्यावरण की रक्षा के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया। साथ ही गणेश प्रतिमाओं को हुसैन सागर में विसर्जित करने से इनकार किया। वैकल्पिक व्यवस्था करने का सुझाव दिया।
तेलंगाना सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया कि हाईकोर्ट के फैसले को तुरंत लागू नहीं किया जा सकता। क्योंकि शहर में लाखों गणेश मूर्तियों को मंडपों में स्थापित किया गया है। विसर्जन भी नजदीक आ गये हैं। तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए समय नहीं है। हालत को ध्यान में रखते हुए विसर्जन की अनुमति देने का आग्रह किया। दलीले सुनने बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस साल हुसैन सागर में विसर्जन करने की अनुमति दी।
कंट्रोल रूम में गणेश विसर्जन का निरीक्षण करते हुए डीजीपी महेंद्र रेड्डी
इसी क्रम में भाग्यनगर गणेश महोत्सव समिति ने एक अहम फैसला लिया है। अगले साल से खैरताबाद ने प्लास्टर ऑफ पेरिस की जगह मिट्टी से गणेश मूर्ति बनाने का फैसला किया है। पर्यावरण की दृष्टि से मंडपम में ही गणेश को विसर्जित करने का निर्णय लिया है। इसके चलते अगले साल से हुसैन सागर में खैरताबाद महागणपति विसर्जन के आयोजन की संभावना नहीं है।