हैदराबाद : केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के हैदराबाद केंद्र द्वारा महाराष्ट्र राज्य के नागपुर जिले के माध्यमिक विद्यालय के हिंदी अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए 473वें नवीकरण पाठ्यक्रम का आयोजन 19 से 31 अगस्त तक हैदराबाद केंद्र पर किया गया। इसी क्रम में पाठ्यक्रम का समापन समारोह 31 अग्सत को संपन्न किया गया। समापन समारोह की अध्यक्षता आभासी पटल के माध्यम से केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के निदेशक प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में मिलिंद प्रकाशन के संचालक डॉ. श्रुतिकांत भारती उपस्थित रहे।
इस अवसर पर आभासी पटल के माध्यम से पाठ्यक्रम संयोजक क्षेत्रीय निदेशक केंद्रीय हिंदी संस्थान हैदराबाद केंद्र प्रो. गंगाधर वानोडे तथा मंच पर पाठ्यक्रम प्रभारी फत्ताराम नायक, डॉ. एस. राधा उपस्थित रहीं। इस नवीकरण पाठ्यक्रम में कुल 27 (महिला- 06, पुरुष-21) हिंदी अध्यापक प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

सर्वप्रथम मंचस्थ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के सम्मुख द्वीप प्रज्वलित कर माँ सरस्वती वंदना व गणेश स्तुति तथा संस्थान गीत प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत किया गया। स्वागत गीत प्रतिभागी अध्यापिका श्रीमती पुजा, श्रीमती रश्मि एवं श्रीमती टीना द्वारा प्रस्तुत किया गया। तथा अतिथियों का स्वागत एवं परिचय प्रतिभागी अध्यापक प्रशांत बासोडे ने दिया।
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मुख्य अतिथि डॉ. श्रुतिकांत भारती ने अपने व्यक्त में कहा कि हमें हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए। हमें प्रयास करना चाहिए कि हम हिंदी में ही बात करें अपने घर में अपने आस-पास के लोगों से हिंदी में ही बात करें जिससे हम अच्छी तरह से हिंदी बोल सके और समझ सके। अंत में उन्होंने सभी प्रतिभागियों को सफल कार्यक्रम होने का शुभकामनाएँ दी।

कार्यक्रम संयोजक केंद्रीय हिंदी संस्थान हैदराबाद केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक प्रो. गंगाधर वानोडे ने आभासी माध्यम से केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों तथा पाठ्यक्रमों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि हिंदीतर प्रदेशों के लिए भी केंद्रीय हिंदी संस्थान डी.एल.एड्., बी.एड्. और एम. एड्. के समकक्ष शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का आयोजन करता है उन्होंने सभी प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूर्ण करने पर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए हार्दिक बधाई दी।
पाठ्यक्रम प्रभारी डॉ. फत्ताराम नायक ने समापन के अवसर पर अपनी बात रखते हुए कहा कि महाराष्ट्र की मेहमान नवाजी एवं सांस्कृतिक परंपरा अपने आप में अनूठी है तथा इन 12 दिनों में जो मान-सम्मान मिला उनके प्रति आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर प्रतिभागियों द्वारा तैयार की गई हस्तलिखित पत्रिका ‘‘संत्रानगरी नागपुर, साहित्य दर्पण“ का लोकार्पण मंचस्थ अतिथियों द्वारा किया गया। इस दौरान पर-परीक्षण में प्रथम पुरस्कार अजय रामचंद्र वाणी, द्वितीय पुरस्कार मंगेश पुंडलिक जनबंधू एवं तृतीय पुरस्कार मयूर मारोतराव भोंबे तथा प्रोत्साहन पुरस्कार श्रीमती पुजा अखिल तिवारी को प्रदान किया गया। अंत में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। इस अवसर के केंद्र के सदस्य डॉ. संदीप कुमार, श्री सजग तिवारी तथा श्री शेख मस्तान वली उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम का संचालन प्रतिभागी अध्यापक प्रशांत बासोडे ने किया। प्रतिभागी अध्यापक सिद्धार्थ देउड़कर ने प्रतिभागियों की ओर से प्रतिवेदन प्रस्तुत किया तथा प्रतिभागी अध्यापक पंजाबराव जाधव द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। समापन समारोह राष्ट्रगान के साथ संपन्न हुआ।