हैदराबाद : केंद्रीय हिंदी संस्थान हैदराबाद केंद्र द्वारा आयोजित 469वें नवीकरण पाठ्यक्रम का आयोजन तमिलनाडु राज्य के कोयंबत्तूर जिले के माध्यमिक विद्यालयों के हिंदी अध्यापकों/हिंदी प्रचारकों के प्रशिक्षण हेतु किया गया है, जिसमें लगभग एक सौ चार प्रतिभागियों ने सहभागिता की| इस नवीकरण पाठ्यक्रम का उद्घाटन समारोह केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा मुख्यालय के निदेशक प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ| यह पाठ्यक्रम कार्यक्रम आगामी 18 मई तक जारी रहेगा।
मुख्य अतिथि के रूप में सर्वजन हायर सेकेंडरी स्कूल, कोयंबत्तूर के सचिव नारायण स्वामी, विशिष्ट अतिथि द्वय के रूप में कोव्वैं हिंदी प्रेमी मंडल कोयंबत्तूर के कोषाध्यक्ष बी. सुंदरनाथन और दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा त्रिची के कार्यकारी सदस्य डी. माधेश्वरन और इस नवीकरण पाठ्यक्रम के संयोजक और केंद्रीय हिंदी संस्थान हैदराबाद केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक प्रो. गंगाधर वानोडे, डॉ. फत्ताराम नायक और डॉ. पंकज सिंह यादव तथा विजय कुमार मंच पर उपस्थित रहें|
कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत दीप प्रज्वलन और संस्थान गीत से की गई| मुख्य अतिथि के रूप में सर्वजन हायर सेकेंडरी स्कूल कोयंबत्तूर के सचिव नारायण सामी ने इस नवीकरण पाठ्यक्रम की सराहना की और कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हिंदी के प्रचार-प्रसार में मेरा भी संस्थान सहभागी हो रहा है| विशिष्ट अतिथि के रूप में बी. सुंदरनाथन और डी. माधेश्वरन ने भी केंद्रीय हिंदी संस्थान के इस पहल की सराहना की| विजय कुमार ने अपने अनुभव साझा किए|
इस नवीकरण पाठ्यक्रम के संयोजक डॉ. गंगाधर वानोडे ने इस प्रशिक्षण से संबंधित उद्देश्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी और अंत में प्रतिभागियों से यह आग्रह किया कि वे अपने उच्चारणगत अशुद्धियों को दूर करने के लिए दूरदर्शन से प्रसारित होने वाले समाचार को ध्यानपूर्वक सुने और उसी तरह उच्चारण करने का प्रयास करें| इसके बाद पुष्पा आर. वरदराजन, शांतला, अब्दुल गफूर, वी. मरगतवल्ली और राजेश्वरी ने इस पाठ्यक्रम से संबंधित अपनी अपेक्षाएँ अभिव्यक्त की|
अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी ने इस नवीकरण पाठ्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों की संख्या को देखकर यह संतोष प्रकट किया कि हिंदी का विस्तार दिन प्रति दिन हिंदीतर राज्यों में विस्तृत होता जा रहा है| इसके अलावा अपने वक्तव्य में उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी विरोध की जो भावना एक समय में तमिलनाडु राज्य से उठती थी, वह आज आपकी संख्या और उपस्थिति को देखकर निराधार मालूम पड़ती है| आगे उन्होंने प्रो. गंगाधर वानोडे के कुशल नेतृत्व की भी सराहना की और कहा कि उनके निरंतर प्रयास से इस तरह के प्रशिक्षण से प्रशिक्षित होकर तमाम प्रतिभागी कुशलतापूर्वक हिंदी का प्रचार-प्रसार कर रहें हैं|
इसके अलावा उन्होंने हिंदी भाषा के राष्ट्रीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक बढ़ते प्रभाव, स्वाधीनता आंदोलन में हिंदी की भूमिका और भूमंडलीकरण के दौर में हिंदी की स्थिति पर भी गंभीरतापूर्वक विचार व्यक्त किया और यह आशा व्यक्त की कि आने वाले दिनों में हिंदी और भी विस्तृत होती जाएगी| इस अवसर पर हैदराबाद केंद्र के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. फत्ताराम नायक और अतिथि प्रवक्ता डॉ. पंकज सिंह यादव ने भी हिंदी भाषा और इस नवीकरण पाठ्यक्रम के संबंध में अपने विचार प्रकट किए| कार्यक्रम का सफल संचालन और धन्यवाद ज्ञापन पंकज सिंह यादव ने किया|