हैदराबाद: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि हुसैन सागर में गणेश का विसर्जन किया जा सकता है। हुसैन सागर में विसर्जित करना है या नहीं करने लो लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल ही विसर्जन के पक्ष में फैसला सुनाया। जीएचएमसी कमिश्नर ने हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है कि प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों को हुसैन सागर में विसर्जित नहीं किया जाना चाहिए।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर विचार के बाद यह आदेश दिया। मेहता ने कहा कि हुसैन सागर में प्रदूषण कम करने के लिए कदम उठाये गये हैं। विसर्जन के तुरंत बाद प्रतिमाओं को क्रेन की मदद से बाहर निकाल लिया जाएगा।
कोर्ट ने हुसैन सागर में प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश की प्रतिमाओं को आखिरी बार’ विसर्जन की अनुमति दे दी है। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमणा, न्यायमूर्ति सूर्यकांत तथा न्यायमूर्ति हिमा कोहली की खंडपीठ ने कहा कि हैदराबाद शहर में यह बार-बार आने वाली समस्या है और कई निर्देश देने के बावजूद राज्य सरकार ने वहां मूर्तियों के विसर्जन पर रोक तथा प्रदूषण पर लगाम लगाने के तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया है।
खंडपीठ ने कहा, “दलीलों पर गौर करते हुए हम इस बार आखिरी बार गणेश की मूर्तियों के विसर्जन की अनुमति दे रहे हैं। तेलंगाना हाईकोर्ट ने 13 सितंबर को हुसैन सागर और अन्य जलाशयों में प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक लगाने के अपने आदेश में सुधार करने से इनकार कर दिया था।
आपको बता दें कि 19 सितंबर को हैदराबाद में गणेश का विसर्जन है। पिछले कुछ दिनों से विसर्जन को असमंजस्य की स्थिति बनी हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अब गणेश विसर्जन का रास्ता साफ हो गया। इससे पहले ही खैरताबाद गणेश उत्सव समिति ने अगले साल से मिट्टी गणपति बिठाने की घोषणा की है।