हैदराबाद: सोमवार को रक्षा मंत्रालय के उपक्रम मिश्र धातु निगम लिमिटेड में मिधानि की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के तत्वावधान में कर्मचारियों के लिए एक पूर्ण दिवसीय हिंदी कार्यशाला का आयोजन संपन्न हुआ। तीन सत्रों में संचालित कार्यशाला के प्रथम संत्र में उद्यम के उप प्रबंधक (हिंदी अनुभाग एवं निगम संचार) डॉ बी बालाजी ने प्रतिभागियों से हिंदी कार्यशाला के आयोजन के महत्व पर चर्चा करते हुए हिंदी में कंप्यूटर पर काम करने की सुविधा की जानकारी दी। की-बोर्ड ले आऊट का ज्ञान कराते हुए सभी प्रतिभागियों से टंकण का अभ्यास कराया।
द्वितीय सत्र के वक्ता रिज़वान पाशा, वरिष्ठ प्रबंधक (राजभाषा), दक्षिण मध्य अंचल, एचपीसीएल, ने ‘राजभाषा में कार्यालय-कामकाज करने से कौन रोक रहा है’ विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान के दौरान अंग्रेजी शासकों की भाषा नीति से लेकर स्वतंत्र भारत की भाषा नीति के इतिहास को रेखांकित किया। संविधान में उल्लिखित राजभाषा संबंधी प्रावधानों के विशेष बिंदुओं पर चर्चा की।
उन्होंने कार्यालय के कामकाज में हिंदी में काम करने के संभावनाओं पर विचार रखते हुए राजभाषा कार्यान्वयन के लिए कर्मचारियों के दायित्व पर प्रकाश डाला। राजभाषा अधिनियम 1963 और राजभाषा नियम 1976 के क्रमशः धारा 3(3) और विविध नियमों के बारे में बताते हुए कर्मचारियों को हिंदी में कार्यालयीन लेखन के अवसरों पर विस्तार से चर्चा की।
तीसरे सत्र में हिंदी शिक्षण योजना के सहायक निदेशक मु. कमालुद्दीन ने कार्यालयीन कामकाज में प्रयुक्त प्रशासनिक शब्दावली विषय पर उदाहरण सहित विस्तृत व्याख्यान दिया। प्रशासनिक शब्दावली की उत्पत्ति पर जानकारी देते हुए उसके अनुप्रोयग के विभिन्न संदर्भों पर चर्चा की। प्रतिभागियों से प्रशासनिक शब्दावली का अभ्यास कराया और अंत में सभी प्रतिभागियों को कार्यालय का दैनिक कामकाज राजभाषा में करने के लिए शपथ दिलाई।