हैदराबाद: अंग्रेज़ी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय (हैदराबाद) में हिंदी दिवस समारोह में केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ गंगाधर वानोडे मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के अकादमिक डीन प्रो टी सेमसन तथा वक्ता के रूप में हिंदी शिक्षण योजना, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, हैदराबाद के उप निदेशक श्रीमती बेला, हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो श्याम राव राठोड़, सहायक प्रोफेसर डॉ प्रोमिला, सहायक प्रोफेसर डॉ प्रियदर्शिनी, सहायक प्रोफेसर डॉ कोकीला, निर्णायक गण, विदेशी शोधार्थी मोहम्मद फ़हीम जालंद (केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के पूर्व छात्र), हिंदी तथा अन्य विषयों के शोधार्थी, हिंदी तथा विदेशी भाषा विभाग के छात्र उपस्थित थे।
हिंदी पखवाड़ा के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। इसमें विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। समापन समारोह में पुरस्कृत प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र तथा मोमेंटो प्रदान किए गए। विभागाध्यक्ष प्रो श्याम राव राठोड़ ने अतिथियों का स्वागत एवं परिचय कराया। मुख्य अतिथि प्रो टी सेमसन ने सभी विजेता प्रतिभागियों को आशीर्वचन दिया तथा मार्गदर्शन किया।
क्षेत्रीय निदेशक डॉ गंगाधर वानोडे ने ‘विदेशी विद्यार्थी : हिंदी अध्ययन-अध्यापन की चुनौतियाँ एवं समाधान’ विषय पर वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने की ज़रूरत है। वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए कई अवसर हैं। क्योंकि हमारा देश उभरती वैश्विक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण अधिनायक के रूप में बदल रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी की गूँज सुनाई दे रही है। विश्व के कई देश भारत का लोहा मान रहे हैं।
हिंदी शिक्षण योजना, गृह मंत्रालय, हैदराबाद की उप निदेशक श्रीमती बेला ने ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव : राजभाषा हिंदी का कार्यान्वयन और उसका स्वरूप’ विषय पर वक्तव्य दिया। हिंदी के विकास के लिए हमें और कड़ी मेहनत करनी चाहिए। इस दौरान विदेशी छात्र शोधार्थी मोहम्मद फ़हीम जालंद ने भी अपने विचार रखे। उद्घाटन सत्र का सफल संचालन सहायक प्रोफेसर डॉ प्रोमिला ने तथा व्याख्यान सत्र का सफल संचालन सहायक प्रोफेसर डॉ प्रियदर्शिनी ने किया।