MLA राजा सिंह ने निलंबन का दिया जवाब, बोले- “हिंदुओं की सेवा करने का मौका दें”

आज का विचार

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है।

  • महात्मा गांधी

हैदराबाद : गोशामहल विधायक टी राजा सिंह ने बीजेपी के आलाकमान के निलंबन का जवाब दिया है। राजा सिंह ने राष्ट्रीय नेतृत्व को पत्र लिखकर कहा है कि वह एक भाजपा कार्यकर्ता के रूप में पार्टी के सिद्धांतों पर अडिग रहेंगे। उन्होंने समझाया कि वह कभी भी पार्टी के सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं किया है और ना ही किसी गलत गतिविधियों में शामिल रहे हैं। कभी भी पार्टी लाइन से परे काम नहीं किया है। आलाकमान से अपील की कि उन्हें आम लोगों और हिंदुओं की सेवा करने का मौका दिया जाए।

राजा सिंह ने इस बात पर नाराजगी जताई कि पुलिस ने उसके खिलाफ अवैध मामले दर्ज कर उसे हिंदू धर्म के लिए लड़ने के आरोप में जेल भेज दिया। राजा सिंह ने कहा कि एमआईएम और टीआरएस पार्टियों ने मिलकर उनके खिलाफ एक साजिश के तहत 100 मामले दर्ज किए हैं। उन्होंने एमआईएम पार्टी और हैदराबाद संसद पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने आपत्ति जताई कि एमआईएम पुराने शहर में एक संप्रदाय को बढ़ावा दे रही है और हिंदुओं को परेशान कर रही है। पार्टी नेतृत्व को भेजे गए पत्र में राजा सिंह ने कहा कि वह शुरू से ही टीआरएस और एमआईएम के अत्याचारों के खिलाफ अथक संघर्ष कर रहे हैं।

गौरतलब है कि एक वीडियो संदेश में अनुचित टिप्पणी करने के विवाद में फंसे विधायक राजा सिंह को भाजपा नेतृत्व ने निलंबित कर दिया था। इतना ही राजा सिंह को पार्टी के सभी पदों सहित भाजपा विधायक दल के नेता के पद से भी हटा दिया था। साथ ही उठे विवाद के बाद बीजेपी ने 23 अगस्त को कारण बताओ नोटिस दिया था कि आपको निलंबित क्यों नहीं किया जाना चाहिए। इसके लिए 10 दिन के भीतर जवाब देने को कहा था।

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लेकिन इसी बीच कड़ी कार्रवाई करके हुए तेलंगाना सरकार ने राजा सिंह के खिलाफ पीडी एक्ट दर्ज कर जेल भेज दिया। चेरलापल्ली जेल में रहने के कारण राजा सिंह को पार्टी को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने का मौका नहीं मिला। उनकी पत्नी उषाबाई ने पार्टी नेतृत्व को मेल के माध्यम से भी इसी बात का अनुरोध किया। साथ ही कारण बताओं नोटिस का जवाब देने के लिए भी समय मांगा। इस बीच पार्टी नेतृत्व ने उनकी अपील पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। विधायक राजा सिंह ने आज पार्टी द्वारा दिए गए कारण बताओ नोटिस पर जवाब दिया।

दूसरी ओर हिंदू संगठनों के साथ-साथ राजा सिंह के अनुयायी पीडी एक्ट को हटाने की मांग कर रहे हैं। तेलंगाना में मौजूद भाजपा और हिंदू संघ के कार्यकर्ता अभी भी अपना आंदोलन और विरोध व्यक्त कर रहे हैं। इसी क्रम में 22 सितंबर को अंबरपेट पदयात्रा के समापन के दौरान राजा सिंह के प्रशंसकों ने तख्तियां प्रदर्शित कीं। बीजेपी कार्यकर्ताओं की मांगे साथ राजा सिंह प्रकरण में पार्टी नेतृत्व पर दबाव दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।

तेलंगाना के गोशामहल विधायक टी राजा सिंह ने विवादास्पद टिप्पणी करने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में भारतीय जनता पार्टी के कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि मैंने सिर्फ मुनव्वर फारुकी की नकल उतारी थी। बीजेपी की केंद्रीय अनुशासन समिति ने राजा सिंह को तब नोटिस जारी किया। जब उन्होंने यूट्यूब पर अपना एक विवादित वीडियो पोस्ट कर दिया। इसके बाद हंगामा खड़ा हो गया था।

विधायक ने बीजेपी को भेजे अपने पत्र में कहा कि टीआरएस सरकार की कोशिश एमआईएम पार्टी को खुश करना था। मुनव्वर फारुकी शो के दिन मेरे साथ 500 से अधिक बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। शो के तुरंत बाद मैंने लोगों को यह बताने के लिए एक वीडियो बनाया कि मुनव्वर फारुकी अपना शो कैसे करते हैं। मैंने अपने वीडियो में न तो किसी धर्म का अपमान किया है और न ही किसी धर्म के भगवान की कोई आलोचना की है।

राजा सिंह ने आगे कहा कि मैंने अपने वीडियो में किसी तरह की अभद्र या कठोर भाषा का इस्तेमाल नहीं किया है। मैंने अपने वीडियो में किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया है। मैंने जानबूझकर किसी धर्म की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई है। साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ टीआरएस सरकार ने उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराया है।

गोशामहल विधायक ने कहा कि एमआईएम के निर्देश पर ही टीआरएस सरकार ने जानबूझकर मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया। माननीय अदालत ने मेरे खिलाफ मामला भी खारिज कर दिया। फिर भी मुझे पीडी एक्ट के तहत जेल में बंद कर दिया गया।

बीजेपी विधायक ने आगे कहा कि मैंने अपने वीडियो में केवल मुनव्वर फारूकी की नकल की है। वह भी गूगल पर दी गई जानकारी के आधार पर ऐसा किया है। मैंने न तो किसी धर्म की भावनाओं को कोई ठेस पहुंचाई और न ही किसी धर्म की आलोचना की है।

बीजेपी के कारण बताओ नोटिस पर अपना जवाब देते हुए राजा सिंह ने कि पार्टी के संविधान का कोई उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना ​​है कि मैंने अनुशासनात्मक नोटिस में बीजेपी के संविधान के नियम का उल्लंघन नहीं किया है।

राजा सिंह ने बीजेपी को भेजे अपने जवाब में यह भी कहा कि मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि पार्टी द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के मेरे जवाब पर विचार करें और मुझे आम लोगों, भारतीय जनता पार्टी, देश और भारत माता की सेवा करने का मौका प्रदान करें। (एजेंसियां)

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