हैदराबाद : जीनियस ऐजुकेशनल अकादमी और आर्य कन्या विद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आर्य कन्या विद्यालय के प्रांगण में अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ अकादमी की सह सचिव ममता जैन ने माँ सरस्वती की वंदना से किया गया। उपाध्यक्षा शोभा देशपांडे ने भगवान राम के भजन गीत गाये।
कार्यक्रम की अध्यक्षा डॉ प्रेमलता श्रीवास्तव ने अकादमी का विवरण पेश किया। श्रीमती रशमी और डॉ लता ने स्वास्थ्य चेतना पर विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत किया। डॉ मुमताज ने भी मानव नाड़ी संस्थान और उसकी चिकित्सा पर अपने विचार व्यक्त किये। श्रीमती शोभा देशपांडे ने योगा पर अपना कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में अध्यापकों और छात्राओं ने अपनी अपनी कला प्रदर्शित की।
![](https://telanganasamachar.online/wp-content/uploads/2024/03/arya-1024x768.jpeg)
इस अवसर पर कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। इसका संचालन श्रीमती अरुंधति कुलकर्णी कोषाध्यक्षा ने किया। अनेक कवियत्री ने इस कवि सम्मेलन में भाग लिया। इन में श्रीमती विभा भारती, डॉ प्रेमलता श्रीवास्तव, डॉ मुमताज सुल्ताना, श्रीमती सिम्मी, कु सीमा, श्रीमती रेखा देवी वर्मा श्रीमती अरुंधति कुलकर्णी, शोभा देशपांडे और श्रीमती सुधा ठाकुर ने कविता पाठ किया।
![](https://telanganasamachar.online/wp-content/uploads/2024/03/arya.1.png)
इस कार्यक्रम में विद्यालय की प्रबंधक समिति के कोषाध्यक्ष प्रदीप जाजू, पण्डित गंगाराम स्मारक मंच के अध्यक्ष भक्तराम, मिलिंद प्रकाशक श्रुतिकान्त भारती, तेलगांना समाचार के सम्पादक के राजन्ना और अन्य उपस्थित थे। अकादमी की ओर से शॉल ओढ़कर सभी को सम्मानित किया गया। इस सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन अकादमी की सचिव श्रीमती सुधा ठाकुर ने किया। इस दौरान कवियत्री सुधा ठाकुर ने एक कविता सुनाई, उसकी खूब तारीफ की गई है। आपको अवलकोनार्थ कविता पेश है।
मेकअप
सभी कहते हैं कि महिलायें बहुत मेकअप करती है
हां सच है कि महिलायें बहुत मेकअप करती हैं
क्योंकि मेकअप के बिना नारी अधूरी है
अब सुनिए महिलाओं की मेकअप की दास्तान
नारी केवल अपने चेहरे पर ही मेकअप नहीं करती है
बल्कि घर परिवार की हर कमी का मेकअप करती है
अच्छी शिक्षा न दिला सकने की मां-बाप की मजबुरी पर भी मेकअप करती है
शादी के बाद मायके की कमी पर मिलने वाले हरताने का मेकअप करती है
बच्चों की कामियों और रिश्तों की बदनियती पर भी मेकअप करती है
और जब बुढ़ापा आता है तो बहू और दामाद के द्वारा मिलने वाले निरादर पर भी मेकअप करती है
बुढ़ापे में परिवार से बिछड़ जाने और अस्तित्व हीन हो जाने पर भी सभी का मेकअप करती है
बस औरत जन्म से लेकर मृत्यु तक केवल हो मीठे बोल सुनने के लिए हर किसी का मेकअप करती है
इसी कारण मैं सशक्त रूप से ये कहती हूँ कि हॉ नारी मेकअप करती है
क्योंकि मेकअप के बिना नारी अधूरी है
नारी मेकअप के बिना अधूरी है।
कवियत्री सुधा ठाकुर