हैदराबाद: कांग्रेस पार्टी का उदयपुर में आयोजित तीन दिवसीय ‘नव संकल्प चिंतन शिविर’ का रविवार को समापन हो गया। इस चिंतन शिविर में तीन दिन तक आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाई गई। साथ ही कई अहम फैसले लिये हैं। शिविर में कांग्रेस अध्यक्ष को सलाह देने के लिए एक सलाहकार समिति का गठन, पार्टी में आंतरिक सुधार के लिए एक सप्ताह के अंदर टास्क फोर्स का गठन और राष्ट्रपति महात्मा गांधी की जयंती (2 अक्टूबर) से ‘भारत जोड़ो’ पदयात्रा शुरू करने जैसे अनेक अहम फैसले लिये गये।
कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने समापन भाषण में कहा कि जिला स्तर के जन जागरण अभियान का दूसरा चरण 15 जून से दोबारा शुरू किया जाएगा। इस अभियान के दौरान आर्थिक मुद्दों को उजागर किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह हमारी प्रतिबद्धता है। यह हमारा नवसंकल्प है। कांग्रेस का नया उदय होगा। यह हमारा नवसंकल्प है।”
कांग्रेस पार्टी ने ‘एक परिवार, एक टिकट’ का फॉर्मूला तय किया है। इसके साथ ही पार्टी ने शर्त रखी है कि चुनाव लड़ने के इच्छुक परिवार के किसी अन्य सदस्य को टिकट तब मिलेगी जब वो कम से कम पांच साल तक अच्छे तरीके से पार्टी के लिए काम किया हो। यह फॉर्मूला प्रियंका गांधी जैसे नेताओं के लिए चुनाव लड़ने का मार्ग खोल देगा। प्रियंका गांधी 2019 से पार्टी में पदों पर काम कर रही हैं लेकिन अभीतक चुनाव नहीं लड़ा है।
कोई भी व्यक्ति किसी एक दल के पद पर पांच वर्ष से अधिक समय तक नहीं रहेगा। कार्यकाल समाप्त होने के बाद पदाधिकारियों को अपने पद से इस्तीफा देना होगा। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी ने चिंतन शिविर में समाज के कमजोर और उत्पीड़ित वर्गों का विश्वास जीतने के अपने सोशल इंजीनियरिंग का सहारा लेने का फैसला किया। इसके तहत पार्टी ने संगठन के सभी स्तरों पर एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व को मंजूरी दी है।
यह कांग्रेस संगठन के प्रत्येक स्तर पर पार्टी समितियों में 50 वर्ष से कम आयु वालों के लिए पार्टी के 50 प्रतिशत पदों को अलग रखेगी। यह फॉर्मूला चुनाव के वक्त टिकट बंटवारे में भी लागू होगा। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह किसानों के लिए एमएसपी को कानूनी गारंटी देगी और आगामी चुनावों में बेरोजगारी को एक प्रमुख मुद्दा बनाएगी।
गौरतलब है कि पहले दिन सोनिया गांधी ने कहा था कि पार्टी ने बहुत कुछ दिया है, अब पार्टी को देने का समय है। संकल्प का समय है। सोनिया ने कहा कि संगठन के सामने अभूतपूर्व स्थिति है। हमें सुधारों और रणनीति में बदलाव की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि असाधारण परिस्थितियों का सामना असाधारण तरीके से ही किया जा सकता है।
सोनिया ने अल्पसंख्यकों पर हमले का मुद्दा उठाते हुए जहां एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर निशाना साधा वहीं बीजेपी पर में देश नफरत का महौल बनाने का आरोप लगाया। सोनिया ने कहा कि पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है, अब कर्ज उतारने का समय है। शिविर में भाग ले रहे नेताओं से सोनिया ने कहा कि अंदर खुल कर अपनी राय रखें लेकिन बाहर केवल एक संदेश जाना चाहिए। संगठन की मजबूती और एकता का रहे। (एजेंसियां)