दुर्ग (छत्तीसगढ़) : ‘छत्तीसगढ़ रजक समाज कर्मचारी और व्यापारी कल्याण महासंघ’ के नेतृत्व में संविधान दिवस (सिरसा गेट पास, भिलाई चरोदा, जिला दुर्ग में) मनाया। इस अवस पर समाज के संयोजक प्रभुनाथ बैठा ने बताया कि कोई भी संस्था हो वह नियम एवं शर्तों से ही चलती है। वैसे ही हमारा देश का संविधान है। संविधान को भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी द्वारा बनाया गया। इसे राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता है।
समाज के सलाहकार विमल रजक ने भारत के संविधान के ऊपर विस्तृत जानकारियां दी एवं अपने विचार रखें। समाज के संरक्षक रविंद्र कुमार प्रसाद ने बताया कि भारत के संविधान ने देश को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य घोषित किया और इस दिन राष्ट्रीय संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है।
समाज के अध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि भारत का संविधान यहां के नागरिकों के लिए एक आजादी है। भारत का संविधान अपने नागरिकों को न्याय, समानता, स्वतंत्रता का आश्वासन देता है और जाति पंथ धर्म लिंग या जन्म स्थान के आधार पर बिना किसी भेदभाव के बंधुत्व को बढ़ावा देने में मदद करता है। भारत के संविधान को तैयार करने में लगभग 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा। समाज के उपाध्यक्ष संतोष कुमार, सह कोषाध्यक्ष लालबाबू बैठा, छोटू रजक और शिवमंगल रजक ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे।
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गौरतलब है कि भारत का संविधान अपनाने के उपलक्ष्य में हमारे देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस को मनाया जाता है। भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को अपनाया था, जो 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ।
नागरिकों के बीच संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबरको ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने के भारत सरकार के निर्णय को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को अधिसूचित किया।