हैदराबाद : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में पर्सनल इनकम टैक्स से जुड़ी पांच घोषणाएं कीं। ये सब नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) के लिए हैं। पहले इन पांच घोषणाओं को जानिए:
1. नई कर व्यवस्था के तहत छूट की सीमा सात लाख कर दी गई है। अर्थात सात लाख रुपए तक कमाने वाले को आयकर देने की जरूरत नहीं है।
2. नई कर व्यवस्था में टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव किया गया। स्लैब पांच कर दिए गए। साथ ही टैक्स छूट की सीमा तीन लाख रुपए कर दी गई।
3. नई कर व्यवस्था में नौकरीपेशा लोागें को 50 हजार रुपए और पेंशनभोगियों (फैमिली पेंशनर्स सहित) को 15000 रुपए तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन।
4. नई कर व्यवस्था में अधिकतम सरचार्ज को 37 से घटा कर 25 फीसदी कर दिया गया। यह दो करोड़ रुपए से अधिक आय वालों के लिए किया गया है। इस कटौती से इनकम टैक्स की अधिकतम दर 42.74 प्रतिशत से 39 प्रतिशत हो जाएगी।
5. नौकरीपेशा लोगों को रिटायरमेंट के वक्त जमा छुट्टियों के बदले जो पैसा मिलता है उस रकम पर टैक्स छूट की सीमा तीन लाख रुपए से 25 लाख रुपए कर दी गई है। यह फायदा सरकारी नौकरी से रिटायर होने वालों को नहीं मिलेगा।
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सात लाख तक टैक्स नहीं, फिर पांच स्लैब की घोषणा के चलते बहुत से लोग कंफ्यूज हो रहे हैं। तो समझ लीजिए कि सात लाख तक अगर आमदनी है तो आपको टैक्स नहीं देना है। पर, जैसे ही आमदनी सात लाख एक रुपया भी हो जाता है तो आप स्लैब के दायरे में आएंगे और स्लैब के हिसाब से टैक्स बनेगा।
पुरानी व्यवस्था में पांच लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लगता। फिर आयकर अधिनियम की धारा 80 (सी) के तहत 1.50 लाख रुपए की छूट मिलती है और 50 हजार रुपए स्टैंडर्ड डिडक्शन को मिला दें तो सात लाख रुपए तक की आय टैक्स-फ्री हो जाती है। (एजेंसियां)