हैदराबाद: तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच लंबित कर्मचारियों के बंटवारे पर सहमति बनते नजर आ रही है। यह बंटवारा आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद से लंबित है। इसी क्रम में आंध्र प्रदेश सरकार ने तेलंगाना सरकार से दोनों राज्यों के बीच स्थायी आधार पर कर्मचारियों के आदान-प्रदान सहमति दे। ताकि विभाजन के बाद के लंबे समय से लंबित मुद्दे का निपटारा हो जाये।
आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव समीर शर्मा ने तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार को इस आशय का एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि आंध्र प्रदेश में काम करने वाले 1,808 कर्मचारी तेलंगाना को जाना होगा। इसी तरह तेलंगाना के 1,369 कर्मचारियों को आंध्र प्रदेश को आना है।
मुख्य सचिव समीर शर्मा ने आगे कहा कि जहां तक कर्मचारियों का संबंध है, आंध्र प्रदेश का पुनर्गठन एक अप्रत्याशित घटना थी। इससे कर्मचारियों के जीवन और कॅरियर को प्रभावित किया। इतना ही नहीं उनका कार्य-जीवन संतुलन प्रभावित हुआ। शर्मा ने बताया कि अनेक कर्मचारी चिकित्सा उपचार, पति या पत्नी के रोजगार, बच्चों की शिक्षा आदि जैसे विभिन्न कारणों से एक विशेष राज्य में रहना चाहते थे। उन्हें असंतोष और निराशा की स्थिति में छोड़ दिया गया है।
आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि मानवीय आधार पर इन कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करने की जरूरत है। समस्या की भयावहता की पहली बार सरकारों के सामने एक स्पष्ट तस्वीर थी। आंध्र प्रदेश की सरकार ने स्थायी आधार पर तेलंगाना जाने के इच्छुक कर्मचारियों से विकल्प मांगे थे। 1,808 ने विकल्प दिया है।
शर्मा ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार ने इन कर्मचारियों को तेलंगाना जाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का फैसला किया है। अंतरराज्यीय स्थानांतरण के माध्यम से इन कर्मचारियों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। साथ ही दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से चली आ रही समस्या सुलझा सकते हैं।
आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव ने कहा कि मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि तेलंगाना सरकार की सहमति जल्द से जल्द उन कर्मचारियों के आदान-प्रदान के लिए दी जाये, जिन्होंने स्थायी आधार पर एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने का विकल्प चुना है। (एजेंसियां)