सावधान! सावधान!! सावधान!!! हैदराबाद शहर में जोरों पर है मिलावट का धंधा, NCRB रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

हैदराबाद: कुछ लोग खाद्य पदार्थों में मिलावट करके अच्छी कमाई कर रहे हैं। छोटे बच्चों द्वारा खाई जाने वाली चॉकलेट और आइसक्रीम जैसी आवश्यक वस्तुओं में मिलावट करके लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। खाने-पीने की चीजों में मिलावट कर रहे हैं। सबसे खास बात तो यह है कि मिलावट का धंधा हैदराबाद शहर में जोरों पर जारी है

खुलासा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट के मामले में हैदराबाद शहर देश में पहले स्थान पर है। साल 2022 में देश के 19 प्रमुख शहरों में खाद्य पदार्थों में मिलावट के कुल 291 मामले दर्ज किए गये। इनमें से अकेले हैदराबाद में 246 मामले दर्ज किये गये। ये मामले आईपीसी की धारा 272, 273, 274, 275, 276 के तहत दर्ज किये गये हैं। कुल 19 शहरों में से 84 फीसदी मामले हैदराबाद में दर्ज किये गये।

2022 में तेलंगाना में कुल 1,631 खाद्य मिलावट के मामले सामने आये। 2022 में देशभर में खाद्य पदार्थों में मिलावट के 4,694 मामले दर्ज किए गए। उल्लेखनीय है कि 35 फीसदी से ज्यादा मामले अकेले तेलंगाना में दर्ज किये गये हैं। 2021 में देशभर में सबसे ज्यादा 8,320 मामले दर्ज किये गये। हैदराबाद शहर में अधिक मामले दर्ज करने पर अधिकारियों का तर्क अलग है। उनका कहना है कि वे दूसरे शहरों के मुकाबले ज्यादा सैंपल इकट्ठा कर रहे हैं और इसीलिए ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।

इस बीच यह भी सुनने को मिल रहे हैं कि अधिकारी हैदराबाद में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के प्रति उदासीन हैं। कुछ लोगों का कहना है कि अधिकारी सिर्फ नाममात्र जांच कर रहे हैं और हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। स्ट्रीट फूड और छोटे टिफिन सेंटरों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। यह भी ज्ञात है कि कौन से तेल का उपयोग किया जा रहा है और गर्म तेल का कितनी बार उपयोग किया जा रहा है। इस बार में पूछने और जानने वाले कोई नहीं है।

ज्ञातव्य है कि यदि जांच के दौरान घटिया भोजन, अस्वास्थ्यकर और मिलावटी उत्पाद पाए जाते हैं, तो नोटिस दिया जाता है और नाममात्र का जुर्माना लगाया जाता है और फिर उनको छोड़ दिया जाता है। कई लोगों का मानना ​​है कि इससे खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को कोई डर नहीं है। जीएचएमसी के अंतर्गत 30 सर्कल हैं। वहां केवल 16 खाद्य निरीक्षक हैं। इसलिए प्रत्येक निरीक्षक को दो सर्कल की देखभाल करनी होती है। स्टाफ की कमी भी मिलावटी कारोबार को नहीं रोक पा रही है। शहर के लोग रेवंत रेड्डी की सरकार से मिलावटी खाद्य पदार्थों पर लगाम लगाने और पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति करने का आग्रह कर रहे हैं।

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