हैदराबाद: ‘आत्मसाक्षी’ समूह द्वारा तेलंगाना भर में किये गये ताजा सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि यदि तेलंगाना में तुरंत चुनाव होते हैं, तो टीआरएस पार्टी अधिक सीटें जीतेगी। पिछले चुनाव की तुलना में सीटें और वोट कम होंगे, लेकिन कुल मिलाकर जीत उसी पार्टी की होगी। सर्वेक्षण के मुताबिक, टीआरएस को 39.5% वोट के साथ 56 से 59 सीटें मिलेंगी। कांग्रेस को 31.5% वोटों के साथ 37 से 39 सीटें मिलने की संभावना है। बीजेपी को 21% वोट, 14 से 16 सीटें मिलेंगी। कईं जिलों में टीआरएस-कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला होगा, लेकिन कुछ जिलों में तीन पार्टियों के बीच मुकाबला होने वाला है। साथ ही आत्मसाक्षी ने यह भी खुलासा किया है कि एआईएमआईएम को 2.75 फीसदी और अन्य को 3.25 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। इस सर्वेक्षण में दो प्रतिशत प्रतिभागी हैं।
सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि उनमें से अधिकांश.. सत्ता में आने वाली पार्टी के पक्ष में होने की संभावना है। सीईओ मूर्ति ने कहा कि इस सर्वेक्षण के अंतर्गत तेलंगाना में 1.88 लाख नमूने लिए गए और सर्वेक्षण 30 जून तक पूरा हो गया। गुरुवार को सर्वेक्षण के नतीजे जारी किये। उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजना, धरणी योजना, यासंगी अनाज खरीदी, कानून व्यवस्था, नौकरी के अवसर, शासन और अन्य मुद्दों पर 40 प्रश्नों के साथ एक सर्वेक्षण किया गया। इससे पहले 18 राज्यों में सर्वेक्षण किये थे। उनमें दो राज्यों को छोड़कर उनके सर्वेक्षण सटीक रहे हैं।
दलित बंधु की पड़ी मार
सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक दलित बंधु योजना टीआरएस के वोट बैंक को नुकसान पहुंचा रही है। योजना के लागू न होने और अन्य कारणों से 1.5 फीसदी दलित टीआरएस से पहले की तुलना में दूर हो गये है। फिर भी उस वर्ग अभी भी बहुमत टीआरएस के पक्ष में है। सर्वेक्षण से पता चला है कि एसटी मतदाता टीआरएस से दूर होते जा रहे हैं। महिला, हथकरघा, गौड़ समुदाय, यादव समुदाय, किसान और बुजुर्ग के वोटों में अधिकतर फीसदी टीआरएस की ओर है। सरकारी कल्याणकारी योजनाओं को प्राप्त करने वालों में सकारात्मक मतदान देखा जा रहा है। कर्मचारियों में इस बार टीआरएस को मिलने वाले वोटों का प्रतिशत घटेगा।
बीजेपी का हिंदू कार्ड
सर्वेक्षण से पता चला कि मतदाताओं की राय है कि अनाज की खरीद में देरी, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि आदि के लिए केंद्र की सत्तारूढ़ बीजेपी जिम्मेदार है। एक राय यह भी व्यक्त की गई कि केंद्र ने खाजीपेट रेलवे कोच फैक्ट्री, बय्यारम स्टील प्लांट आदि के विभाजन के वादों को पूरा नहीं किया है। सर्वे के मुताबिक, बीजेपी का हिंदू कार्ड हैदराबाद और निजामाबाद की पांच सीटों पर ही प्रभावी है, अन्य ठिकानों पर इसका प्रभाव नहीं है।
टीआरएस और कांग्रेस के बीच मुकाबला
मुख्य मुकाबला संयुक्त नलगोंडा, खम्मम, मेदक, वरंगल और महबूबनगर जिलों में टीआरएस-कांग्रेस के बीच है। निजामाबाद, आदिलाबाद और हैदराबाद शहर की सीटों पर टीआरएस-कांग्रेस-बीजेपी के बीच त्रिकोणी मुकाबला है। नलगोंडा और खम्मम जिलों में वाईएसआरटीपी की वजह से कांग्रेस को नुकसान हो रहा है। सर्वेक्षण से पता चला है कि वाईएसआरटीपी के कारण कांग्रेस इन दो जिलों में सात सीटों पर हार जाएगी। निजामाबाद, आदिलाबाद और हैदराबाद शहरों में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा है।
मेदक जिला…
आत्मसाक्षी सर्वेक्षण के अनुसार, तेलंगाना के संयुक्त जिलों के निर्वाचन क्षेत्रों में मजेदार मुकाबला होने वाला है। संयुक्त मेदक जिले में कुल 10 विधानसभा सीटें हैं। इसमें सिद्दीपेट, मेदक, नारायणखेड़, गजवेल, नरसापुर में टीआरएस, संगारेड्डी और पटनचेरु में कांग्रेस जीतने की उम्मीद है। दुब्बाका में बीजेपी जीत सकती है। अंदोल और जहीराबाद में टीआरएस-कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है।
हैदराबाद का मुखचित्र…
हैदराबाद में 15 सीटे हैं। सात सीटों (मलकपेट, नामपल्ली, कारवां, याकूतपुरा, बहादुरपुरा, चंद्रयानगुट्टा, चारमीनार) पर एआईएमआईएम जीत हासिल करेगी। सनतनगर, जुबली हिल्स और सिकंदराबाद छावनी में टीआरएस के पास जीतने का मौका है। वहीं सिकंदराबाद सीट कांग्रेस जीतेगी। गोशामहल, अंबरपेट और मुशीराबाद सीटों पर बीजेपी आगे चल रही है। खैरताबाद में अहम मुकाबला है।
रंगारेड्डी जिला…
संयुक्त रंगारेड्डी जिले में 14 सीटें हैं। कुतबुल्लापुर, शेरीलिंगमपल्ली, ताडूर, मेडचल और परिगी सीटों पर टीआरएस के जीतने की उम्मीद है। उप्पल, इब्राहिमपट्टनम, महेश्वरम, विकाराबाद सीटों पर कांग्रेस और मलकाजगिरी सीट बीजेपी को मिल सकती है।
नलगोंडा जिला…
संयुक्त नलगोंडा जिले में 12 विधानसभा क्षेत्र हैं। अधिकांश सीटों पर कांग्रेस पार्टी के जीतने की उम्मीद हैं। जिले में कांग्रेस छह सीटें जीत सकती हैं। टीआरएस चार सीटों पर विजयी होगी। दो सीटों पर कड़ा मुकाबला है। नागार्जुनसागर, हुजुरनगर, कोदाडा, तुंगतुर्ती, नलगोंडा और मुनुगोडु सीटें कांग्रेस के जीतने की संभावना है। आलेरू, नकीरेकल, भुवनगिरी और देवरकोंडा सीटों पर टीआरएस के जीतने की संभावना है। सूर्यापेट और मिर्यालगुडा स्थानों पर कड़ा मुकाबला है।
खम्मम जिला…
संयुक्त खम्मम जिले में पिछले चुनाव में सिर्फ एक सीट जीतने वाली टीआरएस के मौजूदा हालात के मुताबिक चार सीटों (खम्मम, भद्राचलम, अश्वारापेटा, पालेरू) पर जीत की संभावना है। कांग्रेस को पिनापका, मधिरा और कोतागुडेम सीटों पर जीत हासिल होगी। सत्तुपल्ली, वैरा और इल्लेंदु सीटों पर कड़ा मुकाबला है। नलगोंडा जिले के साथ खम्मम जिले में भी वाईएसआरटीपी के प्रभाव से कांग्रेस को नुकसान होगा।
वरंगल जिला…
वरंगल जिले में 12 सीटें हैं। टीआरएस को पांच सीटों (नरसमपेट, पालकुर्ती, स्टेशनघनपुर, वर्दन्नापेट, वरंगल (पश्चिम) पर जीत हासिल होगी। कांग्रेस को चार सीटें (परकाला, मुलुगु, दोर्नकल, महबूबाबाद) पर जीतने की संभावना है। जनगांव, भूपालपल्ली और वरंगल (पूर्व) सीटों पर कड़ा मुकाबला होगा।
महबूबनगर जिला…
संयुक्त महबूबनगर में 14 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं। मक्तल, देवरकद्रा, नारायणपेट, आलमपुर और जडचर्ला में टीआरएस जीत सकती है। कोडंगल, नागरकर्नूल, कोल्हापुर, अच्चमपेट और वनपर्थी में कांग्रेस के जीतने की संभावना है। बीजेपी को कल्वकुर्ती और महबूबनगर सीटें मिलने की संभावना है। गदवाल और शादनगर में कड़ी टक्कर हो सकती है।
निजामाबाद जिला…
संयुक्त निजामाबाद जिले में कुल 9 विधानसभा सीटें हैं। टीआरएस को पांच (बांसवाड़ा, निजामाबाद ग्रामीण, एल्लारेड्डी, बालकोंडा, जुक्कल) सीटों पर जीत सकती हैं। कांग्रेस को एक (कामारेड्डी) और भाजपा को दो (बोधन व निजामाबाद शहरी) सीटें मिलने की संभावना है।
आदिलाबाद जिला…
संयुक्त आदिलाबाद जिले में 10 सीटें हैं। इनमें सिरपुर, खानापुर, बोथ, मुथोल, निर्मल सीटों पर टीआरएस जीतने की संभावना है। चेन्नूर, बेल्लमपल्ली कांग्रेस और आदिलाबाद बीजेपी की जीत होगी। मंचेरियाल और आसिफाबाद निर्वाचन क्षेत्रों में दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है।
करीमनगर जिला…
संयुक्त करीमनगर में 13 सीटें हैं। जगित्याल, सिरिसिल्ला, हुस्नाबाद, चोप्पदंडी, वेमुलावाड़ा, कोरुट्ला और मानकोंडुर में टीआरएस के जीत की संभावना है। धर्मपुरी और मंथनी सीटों पर कांग्रेस के जीत होगी। हुजूराबाद बीजेपी के खाते में जाने की संभावना है।