विशेष लेख : गोपाष्टमी पर्व-2024

धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि पर भगवान श्री कृष्ण ने गौ चारण आरंभ किया। इसलिए यह तिथि गोपाष्टमी कहलाई। जो 9 नवंबर को मनाई जाएगी। जब बाल गोपाल 6 साल के थे तो उन्होंने बछड़े के स्थान पर गौ माता को ले जाने की जिद की, तब नंद बाबा ने पंडित जी को बुलाकर शुभ मुहूर्त मालूम किया। पंडित जी ने देखकर बताया कि आज ही शुभ मुहूर्त है, वरना एक साल बाद आएगा। फिर नंद बाबा ने बाल गोपाल को गोचरण की आज्ञा दे दी।

गोचरण के लिए माता यशोदा ने अपने लल्ला का श्रृंगार किया और पैरों में जूतियां पहनाने लगी, तो लल्ला ने मना कर दिया। और बोले अगर मेरी गौएं जूतियां नहीं पहन सकती, तो मैं कैसे पहन सकता हूं। भगवान श्री कृष्ण जब तक वृंदावन में रहे, तब तक कभी पैरों में जूतियां नहीं पहनी। गोचरण करते हुए साथ में बलराम और ग्वाल बाल बिहार करते हुए वनों में प्रवेश करते रहे और गौ चरण की लीला शुरू हुई। भगवान श्री कृष्ण वृंदावन तक जाते तो वृंदावन की भूमि हरी भरी हो जाती और रंग बिरंगें फूलों से महकती रहती।

पुराणों में बताया गया है कि गाय के अंदर 33 कोटि देवी देवता निवास करते हैं, जिसका अर्थ करोड़ नहीं बल्कि 33 प्रकार के देवता निवास करते हैं। जो गाय की सेवा करता है, सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है। घर में सुख समृद्धि एवं सभी दुख दूर हो जाते हैं और सभी इच्छाएं पूरी होती है। गाय को गौ माता कहा गया है।

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गरुण पुराण में भी वैतारिणी पार करने के लिए गोदान का महत्व दिया गया है। स्कंद पुराण अनुसार गौ सर्वदेवमयी और वेद सर्वगौमय हैं। श्रीराम ने बन जाने से पूर्व किसी त्रिजट नामक ब्राह्मण को गाय दान में दी थी। भगवत गीता में कहा गया है- धेनुनामास्मि कामधेनु, इसका मतलब है कि मैं गायों में कामधेनु हूं।

आजकल गायों के लिए अनेक गौशालाएं बन गई है, सरकार भी भरपूर मदद एवं गौशालाएं संचालित करती है, जहां गाय की देख रेख और उनकी सेवा की जाती है, गोपाष्टमी के दिन भक्त गौशाला में पहुंचकर गाय की सेवा अक्षत, रोली, गुड, आदि से करते हैं। गऊ माता की परिक्रमा करते हैं और उनकी पूंछ से आशीर्वाद लिया जाता है। उनको हरा चारा खिलाया जाता है एवं दान पुण्य किया जाता है। अनेक गौशाला में गोपाष्टमी के दिन प्रसादम वितरित किया जाता है जिसको भक्त बड़े भक्ति भाव से खाकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। भक्ति भाव से सेवा करने से गौ माता अपने भक्त को आशीर्वाद देती है। उसकी हर मनोकामना पूरी करती हैं जीवन में कोई उसके संकट नहीं आता।

के पी अग्रवाल हैदराबाद

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