हैदराबाद : सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को एक और झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीश और अदालत परिसर को सुरक्षित करने के लिए उठाए गए कदमों पर जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किये जाने के कारण आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सहित कई राज्यों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि जुर्माना राशि बार एसोसिएशन वेलफेयर फंड में जमा की जाये। साथ ही चेतावनी दी कि दस दिन के भीतर जवाबी हलफनामे में दाखिल नहीं किया गया तो राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब किया जाएगा।
आपको बता दें कि हाल ही में झारखंड के धनबाद जिला अतिरिक्त सेशन जज उत्तम आनंद की हत्या के चलते देश के जज और कोर्टों की सीआईएसएफ की तरह सुरक्षा की मांग करते हुए करुणाकर महालिक नामएक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। दायर याचिका पर मुख्य न्यायाधीश एनवी न्यायमूर्ति रमणा, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की खंड पीठ ने मंगलवार को मामले की सुनवाई की।
केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील सुनाते हुए कहा कि जज और अदालतों की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय को पहले ही निर्देश जारी किया गया है। क्या राज्य सरकारें उसका पालन करते हैं या नहीं? सुझाव दिया कि इस पर स्थिति राज्य सरकारों से रिपोर्ट मांगी जा सकती है।