हैदराबाद : हिन्दी प्रचार सभा की ओर से नगर के सुप्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि वेणुगोपाल भट्टड़ की 75 वीं वर्षगाँठ पर एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता सभा के अध्यक्ष श्री चंद्रदेव कवडे जी ने की।
इस अवसर पर भट्टड़ को माला, शाॅल, पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। मिलिन्द प्रकाशन के संचालन एवं संयोजक चुनाव समिति के प्रमुख श्रुतिकान्त भारती ने समारोह का संचालन किया। उन्होंने भट्टड़ का परिचय देते हुए कहा कि भट्टड जी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हिन्दी एवं राजस्थानी हास्य-व्यंग्य कवि के रूप में ख्याति प्राप्त की है। आप बारह वर्ष की आयु से ही कवि सम्मेलनों में भाग लेते आ रहे हैं। भट्टड जी को दैनिक हिन्दी मिलाप के संपादक युद्धवीर जी एवं दक्षिण समाचार के संपादक मुनीन्द्र जी का विशेष सहयोग मिलता रहा।
सभा के अध्यक्ष चन्द्रदेव कवडे ने कहा यह हमारा सौभाग्य है कि हम आज आपका अभिनंदन कर रहे हैं और हिन्दी प्रचार सभा भी आप जैसे साहित्यकार को पाकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस करती है।
भट्टड़ ने अपने संबोधन में कहा कि वे सन् 1962-63 से ही हिन्दी प्रचार सभा से जुड़े है। यहांँ के पुस्तकालय एवं विक्रीय विभाग से साहित्यिक पुस्तकें लेकर खूब पढ़ाई एवं साहित्य का अध्ययन किया। सभा में लगभग रोज़ ही आना होता था। फिर यहाँ से उन्होंने ‘हिन्दी भूषण’, ‘हिन्दी विद्वान’ की परीक्षाएं उत्तीर्ण की एवं कई महान साहित्यकारों जैसे हरिवंशराय बच्चन, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, सेठ गोविन्ददास मालपानी, बाबा नागार्जुन आदि अनेक विभूतियों का सानिध्य एवं काव्य पाठ का अवसर प्राप्त हुआ। राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन एवं श्री विनोबा भावे के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
जिस संस्था के कारण मेरी हिन्दी साहित्य में रुचि जगी और आज काव्य यात्रा के 63 वर्ष पूर्ण होकर निरंतरता बनी हुई है। उस से सम्मानित होकर मैं बड़े हर्ष का अनुभव कर रहा हूँ। इस दौरान श्री भट्टड़ ने सभा के पुस्तकालय एवं विक्रीय विभाग को भी देखा और अपनी स्मृतियाँ ताजा की। सभा के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के अनुरोध पर भट्टड़ ने अपनी कई हास्य व्यंग्य रचनाएं भी सुनाई।
इस अवसर पर सभा के प्रधानमंत्री गैबुवली जी, परीक्षा मंत्री प्रोफेसर सुरेश पुरी, कार्यालय मंत्री वेंकटेश्वर, कैलाश भट्टड, श्री प्रदीप जाजू जी, कोषाध्यक्ष, आर्य कन्या विद्यालय हाईस्कूल, देविदिन बाग, सुल्तान बाजार एवं सभा के समस्त कार्यकर्ता उपस्थित थे। अन्त में रजिस्ट्रार नामदेव वाघमोडे के धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह का समापन हुआ।