हैदराबाद : सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत हैदराबाद द्वारा अक्षय तृतीया के पावन पर्व के उपलक्ष्य में विशेष भक्ति गीत संध्या का आयोजन किया गया। संस्थापिका सरिता सुराणा ने सभी प्रतिभागियों और दर्शकों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया और नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। श्रीमती हर्षलता दुधोड़िया के मंगलाचरण गीत से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ।
उसके बाद हर्षलता ने एक और भक्ति गीत- आदीश्वर रै चरणां में लुल-लुल शीश झुकावां म्हे प्रस्तुत किया। श्रीमती शान्ता बैद ने बहुत ही सुन्दर मधुर स्वर में अपना गीत प्रस्तुत किया- आदिनाथ चरणों में वन्दन सौ-सौ बार। तत्पश्चात् सरिता सुराणा ने जैन धर्म और सनातन धर्म में अक्षय तृतीया के महत्त्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कोलकाता से श्रीमती हिम्मत चौरड़िया ने स्वरचित गीत प्रस्तुत किया। गीत के बोल थे- अक्षय तृतीया पर्व हमारा, जन-जन में छाया उल्लास। श्रीमती प्रभा दूगड़ ने अक्षय तृतीया के दिन दिए जाने वाले दान की महिमा बतलाई और कहा कि अन्न दान को श्रेष्ठ दान माना जाता है। उन्होंने स्वरचित भावपूर्ण गीत से आदिनाथ भगवान की स्तुति की। उनके गीत के बोल थे- आदिनाथ प्रभु ऋषभ प्रभु को एक संदेशा दे देना।
अन्त में सरिता सुराणा ने पारम्परिक पारणा गीत प्रस्तुत किया- आया आदीश्वर भगवान, चमकै आंगणियो जी आंगणियो/बरसी तप रो आज करसी पारणियो जी पारणियो। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दर्शक गण उपस्थित थे। सभी ने मुक्त कंठ से कार्यक्रम की प्रशंसा की। सरिता सुराणा ने सभी प्रतिभागियों और दर्शकों का हार्दिक आभार व्यक्त किया।