आज का सुविचार: –
किसी देश कमहानता और उसकी नैतिक उन्नति का अंदाजा हम वहां जानवरों के साथ होने वाले व्यवहार से लगा सकते हैं। – महात्मा गांधी
हैदराबाद: प्रजा कवि गद्दर उर्फ गुम्मडी वेंकटेश्वर राव इन दिनों में काफी सुर्खियों में हैं। सुर्खियों में रहना का मुख्य कारण तेलंगाना की राजनीति में कदम रखना और अचानक लापता होना रहा है। इससे पहले भी लगभग सभी दलों के नेताओं से मिलना भी सुर्खियों में रहा है। हाल ही में मुनुगोडु उपचुनाव अधिसूचना के बाद प्रजा शांति पार्टी में शामिल हो गये और चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी। गद्दर की इस घोषणा से सभी दल चौंक गये। क्योंकि सभी दलों के नेता गद्दर चाहते है और सम्मान भी देते है। गद्दर के प्रजा शांति पार्टी में शामिल होने की बात किसी को हजम नहीं हुई। इसके बाद अनेक घटनाक्रम हुए। क्या हुआ पता नहीं। अचानक गायब हो गये।
आखिर मुनुगोडु उपचुनाव में घटनाक्रम देखने को मिली है। प्रजा शांति पार्टी की ओर से प्रजा गायक गद्दर के बदले पार्टी अध्यक्ष केए पॉल ने नामांकन दाखिल किया। नामांकन के अंतिम दिन शुक्रवार को केए पॉल अचानक चंडूरु स्थित एमएआरओ कार्यालय पहुंचे और नामांकन दाखिल किया। इस अवसर पर पॉल ने कहा कि गद्दर को प्रजा शांति पार्टी की ओर से नामांकन दाखिल करना था, लेकिन उनकी अनुपलब्धता के कारण उन्हें नामांकन करना पड़ा है। इस अवसर पर पॉल ने विकास और युवाओं के लिए रोजगार चाहने वाले सभी लोगों से प्रजा शांति पार्टी को वोट देने की अपील की। केए पॉल ने साफ किया कि अगर वह जीतते हैं तो मुनोगुडु का सर्वांगिण विकास करके दिखाएंगे।
केए पॉल ने आगे कहा, “प्रजा शांति पार्टी की ओर से गद्दर नामांकन दाखिल करने का खुलासा हुआ तब से टीआरएस, बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के नेताओं को तब नींद नहीं आई। गद्दर को नामांकन दाखिल करने से रोका गया। इसलिए मैंने नामांकन दाखिल किया। 17 तारीख को चुनाव चिन्ह की घोषणा की जाएगी। कई निर्दलीय उम्मीदवार इस इरादे से चुनाव से हटने को तैयार हैं कि केए पाले ने नामांकन दाखिल किया है और मुनुगोडु का सर्वांगिण विकास होगा। हर व्यक्ति यही बात 100 लोगों को वोट देने के लिए कहना चाहिए। आइए हम सब मिलकर मुनुगोडु का विकास करेंगे। बीसी और दलित समुदाय को लोग प्रजा शांति पार्टी को वोट दें।”
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ज्ञातव्य है कि 5 अक्टूबर को दशहरे के दिन प्रजा गायक गद्दर प्रजा शांति पार्टी में शामिल हुए थे। उसके बाद प्रजा शांति पार्टी के अध्यक्ष केए पॉल ने मुनुगोडु उम्मीदवार के रूप में गद्दर के नाम की घोषणा। इस घोषणा से तेलंगाना की राजनीति में हड़कंप मच गया। कई लोगों को चर्चा करते हुए देखा गया कि गद्दर और केए पॉल के बीच संबंध कैसे और कहां स्थापित हुए? गद्दर के प्रजा शांति पार्टी में शामिल होने के पीछे क्या राज है? लेकिन पार्टी में शामिल होने के 10 दिनों के भीतर ही गद्दर ने केए पॉल को शॉक/चौंका दिया। समय खत्म होने तक भी गद्दर नामांकन दाखिल करने नहीं आये। केए पॉल भी उपलब्ध नहीं थे। ऐन वक्त पर केए पॉल ने प्रकट हो गये और प्रजा शांति पार्टी की ओर से खुद नामांक दाखिल किया।
फिर भी गद्दर नामांकन दाखिल क्यों नहीं किया? इसी बात को लेकर तरह-तरह की चर्चा/प्रचार जारी हैं। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और वह अस्पताल में भर्ती हैं। कुछ अन्य का कहना है कि जानबुझकर नामांकन नहीं दाखिल नहीं किया है। प्रजा शांति पार्टी में शामिल होने के कुछ दिनों बाद ही तेलंगाना जन समिति के प्रमुख कोडंदरम ने गद्दर से मुलाकात की। साथ ही अन्य दलों के नेता और शुभचिंतक भी गद्दर से मिले और सलाह-मशविरा किया। इन घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में ही गद्दर ने प्रजाशांति पार्टी की ओर से नामांकन दाखिल नहीं किया। लेकिन केए पॉल की यह टिप्पणी चर्चा का गर्म विषय बन गया है कि गद्दर को धमियां मिली, इसीलिए नामांकन नहीं कर सकें। लेकि केए पॉल यह नहीं बता पाये कि गद्दर को किसने और कैसी धमकी दी है। इतना ही नहीं गद्दर ने नामांकन नहीं दाखिल करने की कोई ठोस वजह बताई है। लोग केए पॉल से ज्यादा गद्दर को जानते है। इस तरह एक प्रजा कवि को सुर्खियों में आकर गायब हो जाना शोभा नहीं देता। क्योंकि गद्दर एक प्रजा कवि है।