हैदराबाद : सामाजिक कार्यकर्ता गणेश ने ‘मन ऊरू – मन बडी’ (हमारा गांव – हमारा स्कूल) प्रॉजेक्ट टेंडर में कथित अनियमितता होने को लेकर सोमवार को सीबीआई और लोकायुक्त में शिकायत दर्ज की है। गणेश ने नियमों के खिलाफ मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर (एमईआईएल) कंपनी द्वारा हासिल किये गये टेंडर को रद्द करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया। शिकायत में अपील की कि अनियमितता में शामिल शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिया जाये।
कुछ कंपनियों के लाभ के लिए
शिकायतकर्ता ने कहा, “स्टेट एजुकेशन वेलफेयर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (TSEWIDC) ने पेंट, ग्रीन चॉक बोर्ड, डुअल डेस्क और अन्य कंपनियों से टेंडर आमंत्रित किये गये। इसके लिए लगभग 700 करोड़ रुपये का अनुमान लगाते हुए अप्रैल में निविदाएं मांगी गई। 9 मई को इसे रद्द कर दिया गया। इन्हीं कार्यों के लिए 1539 करोड़ रुपये की पुष्टि करते हुए 25 मई को निविदाएं बंद कर गई। फिर 30 मई को बोली लगाई गई। यह परिवर्तन केवल कुछ कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया।”
सभी ज्वाइंट कंपनियां
गणेश ने कहा कि तेलंगाना में ‘मन ऊरू – मन बडी’ कार्यक्रम में चुनिंदा स्कूलों को पेंट लगाने के लिए पेंट श्रेणी में मेघा को 80 फीसदी, एशियन पेंट्स को 20 फीसदी, इसके अलावा एचआईपीएल को 80 फीसदी और फ्यूचर पेंट्स को 20 फीसदी हिस्सा दिया गया। ये दोनों संयुक्त उद्यम कंपनियां हैं।
नियमों के विपरीत
उन्होंने आरोप लगाया कि TSEWIDC भी एकाधिकार बोली में नियमों के विपरीत काम किया है। स्कूलो में ड्युअल डेस्क की स्थापित श्रेणी में भी चार कंपनियों ने भाग लिया। मगर उस दो कंपनियों को निविदा मिली और ग्रीन चॉक बोर्ड निविदिओं में भी 5 कंपनियों ने भाग लिया। मगर मेघा कंपनी अर्हता प्राप्त की।
फिर से निविदाएं बुलाया जाये
उन्होंने सीबीआई और लोकायुक्त से आग्रह किया कि पूरी तरह से हेराफेरी की गई निविदाओं को रद्द किया जाए और उन्हें फिर से निविदाएं बुलाया जाये। साथ ही मेघा ने कंपनियों के हितैषी के रूप में काम करने वाले शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अपील की।