Bharat Bandh: देशभर में सफलता के साथ जारी, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी असर

हैदराबाद : भारत बंद सफलता के साथ जारी है। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में सोमवार और मंगलवार (28 और 29 मार्च) को भारत बंद बुलाया गया है। बंद का असर देश भर में साफ दिखाई दे रहा है। भारत बंद में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ भी शामिल हो गया है। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच द्वारा राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। ये हड़ताल श्रमिकों, किसानों और लोगों को प्रभावित करने वाली सरकारी नीतियों के विरोध में की जा रही है। भारतीय मजदूर संघ के अलावा लगभग सभी ट्रेड यूनियन हड़ताल में भाग ले रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के पांच में से चार राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद यह पहली और बड़ी हड़ताल है। सरकारी नीतियों का कड़ा विरोध किया गया है। भारत बंद में बैंक कर्मचारी भी हिस्सा ले रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की सरकार की योजना के साथ-साथ बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में बैंक यूनियन हड़ताल में शामिल हो गये है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन पर कम ब्याज दर और ईंधन की बढ़ती कीमत बंद के मुख्य कारण हैं।

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी बंद सफलता के साथ जारी है। बंद के चलते देशभर में बसें और ट्रेनें ठप हो गईं। इस्पात, तेल, दूरसंचार, कोयला, डाक और बीमा कंपनियों के कर्मचारी हड़ताल में भाग ले रहे हैं। कई राज्यों के कर्मचारी और श्रमिक आज सुबह हड़ताल पर चले गये।

माओवादी सहयोगी सिंगरेणी कार्मिक सामाख्या (सिकासा) ने भारत बंद को समर्थन की घोषणा की है। सिकासा सचिव प्रभात की ओर से मीडिया को एक पत्र जारी किया गया। जारी पत्र में प्रभात ने मजदूरों और कि किसानों से 28 और 29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल (भारत बंद) में हिस्सा लेने और सफल बनाने का आह्वान किया सिकासा सचिव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री केसीआर सिंगरेणी में कोयला ब्लॉकों को नीलामी करके 50 हजार करोड़ों रुपये गबन करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ाकर गरीबों का जीना मुश्कलि कर रहे हैं।

इसी तरह केरल में भारत बंद के असर की वजह से सड़कें सुनसान है। केवल कुछ निजी वाहन ही सड़कों पर चल रहे हैं। केरल राज्य सड़क परिवहन निगम भी बंद शामिल हो गई हैं। भारत बंद को आपातकालीन सेवाओं को हड़ताल से बाहर रखा गया है। केरल उच्च न्यायालय ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड की पांच यूनियनों को हड़ताल में भाग लेने से रोक दिया है। पश्चिम बंगाल में ट्रेड यूनियनों को सड़कों पर विरोध कर रहे है।

भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत निजीकरण नीतियों के विरोध में देश भर के श्रमिकों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर निलंबन का नोटिस दिया। संसद में माकपा सांसद बिकाशरंजन भट्टाचार्य ने दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत राज्यसभा में कार्य स्थगित करने का प्रस्ताव पेश किया है। भारत बंद को अखिल भारतीय असंगठित कामगार और कर्मचारी कांग्रेस ने समर्थन किया है। कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि राहुल गांधी बंद में शामिल वर्गों की मांगों के पक्ष में अपनी बात रखते रहे हैं। (एजेंसियां)

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