महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयंती समारोह हर्षोल्लास के साथ संपन्न, इन वक्ताओं दिया संदेश, लिया यह संकल्प

हैदराबाद: महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयंती समारोह बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यहाँ जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में डॉ. धर्मतेजा ने बताया है कि इस अवसर पर निज़ाम कॉलेज से शोभायात्रा रवींद्र भारती तक निकाली गई है। शोभायात्रा का प्रारंभ हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रय ने ओउम् ध्वज के साथ प्रारंभ किया।

इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि आर्यसमाज के संस्थापक महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती संसार का उपकार करना अपना कर्तव्य मानते थे। दयानन्द ने जन सामान्य से वेदों की ओर लौटने का आह्वान किया। अंधविश्वास, पाखंड का खंडन कर समाज का उद्धार आर्यसमाज ने ही किया। हैदराबाद के सत्याग्रह आंदोलन में आर्यसमाज का बड़ा योगदान है।

शोभायात्रा के पश्चात् रवींद्र भारती में जयन्ती समारोह का आयोजन किया गया है। इस समारोह का प्रारंभ विनय आर्य, विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व केंद्रीय मंत्री समुद्राल वेणुगोपालचारी, आचार्य उदयन मीमांसक, डॉ. धर्मतेजा डॉ. विद्याधर आदि ने दीप प्रज्वलित करके किया है। पाणिनि गुरुकुल की कन्याओं ने प्रार्थना गीत एवं वेद मंत्रों का प्रभाव पूर्ण रूप से प्रस्तुत किया। इस समारोह की अध्यक्षता आचार्य उदयन ने की। मुख्य अतिथि के रूप दिल्ली आर्यप्रतिनिधि सभा के महामंत्री विनय आर्य जी उपस्थित हुए।

समारोह में उपस्थित आर्य जनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती ही एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने सब से पहले स्वराज्य की बात कही है। आज बेटियाँ वेदों का अध्ययन कर रही हैं तो उसका श्रेय केवल महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती को ही जाता है। हैदराबाद को निज़ाम शासन से मुक्त दिलवाने वाली आर्यसमाज है। आर्यसमाज ने गुरुकुलों की स्थापना करके देशभक्त और समाज सेवकों का विकास किया है। आर्यसमाज वेद के सिद्धांतों को लेकर चलता है।

डॉ. धर्मतेजा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयंती समारोह का उद्घाटन किया है। दो वर्षों तक आर्यसमाज की उन्नति हेतु अनेक कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। अपनीं अध्यक्षीय भाषण में आचार्य उदयन ने कहा कि आर्यसमाज के सिद्धांतों का प्रचार प्रसार करना अपना कर्तव्य है। इस अवसर पर तेलंगाना के अनेक जनपदों के आर्यसमाज के सदस्य, विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थी, वानप्रस्थी एवं संन्यासियों ने भाग लिया है।

जयन्ती समारोह आयोजन समिति के सदस्य रामचन्द्र राजू, भक्तराम, प्रदीप जाजू, सोमनाथ आर्य, प्रताप रुद्र, दहन मोहन, श्यामप्रसाद, भरतमुनि, नलिनी पूर्व जी एस पी सविता आर्य, मैत्रेयी, वैष्णवी, नरेंद्र आर्य, जेनी कुमार आज़ाद आदि उपस्थित रहे। समारोह का संचालन नलिनी एवं डॉ. विद्याधर ने किया। आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. धर्मतेजा ने सभी का आभार व्यक्त किया है।

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