अमरावती: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को ताडेपल्ली स्थित कैंप कार्यालय में कंप्यूटर का बटन दबाकर ‘वाईएसआर मत्स्य भरोसा’ (तेलुगु-वाईएसआर मत्स्यकारा भरोसा) योजना के तरह हर मछुआरों के बैंक खातों में 10 हजार जमा किये। पिछले दो साल में मछुआरों को 211.71 करोड़ रुपये दिये गये। इस साल और 119.87 करोड़ रुपये के साथ इन तीन सालों में 331.58 करोड़ रुपये का मछुआरों को लाभ हुआ है।
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश सरकार ने समुद्र में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध के दौरान अपनी आजीविका खोने वाले मछली पकड़ने वाले परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान के उद्देश्य से वाईएसआर मत्स्य भरोसा योजना को लागू किया है। इस साल और लोगों को इस योजना में शामिल किया गया है। इस तरह सभी योग्य 1,19,875 परिवारों को 10 हजार रुपये के हिसाब से 119,87,50,000 रुपये दिये जाएंगे।
गैर-मछुआरों को भी लागू
मछुआरे के साथ-साथ समुद्र में मछली पकड़कर जीवन यापन करने वाले अन्य सामाजिक समूह के लोगों को भी इस साल दस हजार रुपये देने का भी सरकार ने फैसला लिया है। इस प्रकार 1,18,119 बीसी, 747 ओसी, 678 एससी और 331 एसटी सामाजिक समूह के लोगों को इस योजना के लिए योग्य पाया गया है।
अन्य सब्सिडी
राज्य सरकार ने बोटिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले तेल पर सब्सिडी के रूप में 2019-20 में 10.06 करोड़ रुपये और 2020-21 में 22.70 करोड़ रुपये की सब्सिडी का भुगतान किया है। बिजली सब्सिडी के रूप में 2015-20 में 53,500 लाभार्थियों को 720 करोड़ रुपये और नवंबर 2020-21 में 420 करोड़ रुपये का भुगतान किया। मछली पकड़ते समय मछुआरे की आकस्मिक मृत्यु होने पर वर्ष 2019-20 में 2.20 करोड़ तथा 2020-21 में 1.20 करोड़ रुपये हर परिवार कको 10 लाख रुपये दिया गया है।