विश्व टेलीविजन दिवस पर खास : मनोरंजन और समाचार का भंडार है TV

टेलीविजन (टीवी) एक मनोरंजन का बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है। मेगा सीरियल, सिनेमा, संगीत, आध्यात्मिक जानकारी एवं समाचार प्रमुख रूप से देखे जाते हैं। और अनेक प्रकार की जानकारी प्राप्त होती हैं। महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का लाइव टेलीकास्ट सीधा दर्शकों तक पहुंचना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कार्यक्रम से लोगों को शिक्षा प्राप्त होती है, जब सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, युटुब, ट्विटर आदि नहीं आये थे, तब यही जानकारी प्राप्त करने का यही स्रोत था।

1959 में भारत में टेलीविजन संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के सहयोग से प्रारंभ हुआ था। पहला टेलीविजन स्टेशन टेलिविजन इंडिया के नाम से दिल्ली में बना था, जो केवल सप्ताह में 2 दिन या 1 घंटे के लिए कार्यक्रम प्रसारण करता था। इसके बाद 1965 में टेलिविजन इंडिया में स्मृति दर्शन नाम से प्रसारण शुरू हुआ था। भारत में सबसे पहले दूरदर्शन टेलीविजन चैनल का प्रसारण शुरू हुआ जो बहुत ही लोकप्रिय हो गया।

टीवी सभी के लिए आसान हो, इसलिए ग्लोबल टीवी ग्रुप ने वर्ष 2023 के लिए थीम चुनी थी- “एक्सेसिबिलिटी”। 1996 दिसंबर में विश्व टेलीविजन फोरम आयोजित किया था। फिर संयुक्त राष्ट्र ने 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस मनाना तय किया था़। भारत में टीवी जब पहली बार बाजार में आया, तो कुछ गिने चुने लोगों ने उसको लिया और फिर पूरा मोहल्ला इकट्ठा होकर उनके घर पर टीवी का देखता था। चलते फिरते चल चित्रों को देखकर सबको बड़ी हैरानी होती थी।

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मनोरंजन कार्यक्रम गाने फिल्मी कार्टून आदि का आनंद लिया जाता था। भारत के पहले टीवी सीरियल ‘हम लोग’ सीरियल से शुरुआत हुई थी। बुनियाद सीरियल, महाभारत और रामायण में बहुत ज्यादा ख्याति अर्जित की, लोग सभी कार्यों को पहले ही समाप्त कर लेते थे और समय पर इन सीरियलों को देखते थे। इन सीरियल को देखने के लिए हर कोई लालायित रहता था।

1991 तक दूरदर्शन एकमात्र राष्ट्रीय चैनल था आर्थिक सुधारो के साथ 1991 के बाद निजी व विदेशी टेलीविजन चैनलों को प्रसारण करने की अनुमति मिलनी शुरू हो गई। आज तो अनेक टीवी सीरियल टेलीविजन में आने लगे हैं, जिससे टेलीविजन का महत्व बहुत बढ़ गया है। आज घर घर में टेलीविजन मिल जाएगा जो तुरंत समाचार को लाइव के साथ प्रसारण कर देते हैं। कहीं पर भी कोई घटना हो उसकी फोटो सहित जानकारी तुरंत प्रसारण हो जाती है। मनोरंजन कार्यक्रम सीरियल्स कार्टून, शेयर मार्केट, पिक्चर्स व अन्य जानकारी शीघ्रता से मिल जाती है।

टेलीविजन का आविष्कार 1924 में स्कॉटिस्ट इंजीनियर जान लोगी बेयर्ड ने किया था। जिन्होंने यांत्रिक विधि से चित्रों को प्रसारित किया, उनके द्वारा चलती छवियों को प्रसारण की गई। 1928 में पहला सार्वजनिक रंगीन टीवी प्रदर्शित किया। उसके बाद 21 वर्ष की उम्र में अमेरिकी आविष्कारक फिलो टेलर फर्नस्वर्थ ने इलेक्ट्रॉनिक इमेज डिसेक्टर विकसित किया। यह यांत्रिक सिस्टम से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में बदलने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम था, इससे स्पष्ट चलचित्र प्रसारण होने लगे थे।

आधुनिक युग में टेलीविजन की जगह स्मार्ट टेलीविजन और ओ टी टी प्लेटफॉर्म मौजूद हैं, जिसमें अमेजॉन प्राइम, डिज्नी, नेटफ्लिक्स आदि पसंदीदा सामग्री दर्शकों को देखने को मिलती है। इससे टेलीविजन की शुरुआत हुई और जिसमें एक नई क्रांति आ गई, जो आज के दिन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। आज टेलीविजन हर एक के लिए आवश्यक हो गया है। बिना टेलीविजन जिंदगी की कल्पना करना ही मुश्किलहै। हमें इस माध्यम का सही उपयोग करना चाहिए।

के पी अग्रवाल, हैदराबाद

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