हैदराबाद : हुजूराबाद उपचुनाव के लिए आज शाम चुनाव प्रचार समाप्त होने के साथ ही राजनीतिक दल मतदाताओं को प्रलोभन देना शुरू कर दिया है। स्थानीय लोगों को छोड़कर सभी को शाम सात बजे के बाद निर्वाचन क्षेत्र छोड़कर जाना है। यह देख राजनीतिक दलों ने सुबह से ही नकदी बांटना शुरू कर दिया है। लिफाफों में छिपाकर 6,000 रुपये प्रति वोट की दर से नकद वितरण किया जा रहा है।
आश्चर्य की बात यह है कि इन कवरों पर विशेष कोड भी लिखा है। अगर एक घर में एक वोट है तो कवर पर एक नंबर और चार वोट है तो चार नंबर लिखा है। चार वोटों के लिए 24,000 रुपये नकद लिफाफे में रखकर और चार अंक लिखा हुआ लिफाफा घर-घर वितरित किया जा रहा है।
इसके अलावा कुछ मुख्य इलाकों में एक वोट को 10 हजार रुपये की भी मांग की जा रही है। क्योंकि हुजूराबाद उपचुनाव को सभी दलों ने गंभीरता से लिया है। इसके चलते बिना किसी झिझक के वोट को कितना चाहे उतना दे रहे हैं। वोटरों को पैसे बांटने का कवर वीडिया और फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं।
इसी क्रम में चुनाव आयोग चेतावनी दी है कि प्रलोभन को प्रोत्साहन करने वाले दलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मगर प्रलोभन की इन घटनाओं को देखकर भी अनजान सा व्यवहार कर रह रही है। आरोप है कि विभिन्न दलों के नेता वाहनों में सीधे नकदी ले जा रहे है। मगर वाहनों की ठीक प्रकार से जांच नहीं की जा रही है। हुजूराबाद उपचुनाव के लिए मतदान महज तीन दिन बाकी है। विश्लेषकों का कहना है कि इन तीन दिनों में हुजूराबाद निर्वाचन क्षेत्र में शराब और नकदी का प्रवाह और बढ़ने की संभावना है।
आपको बता दें कि हुजूराबाद उपचुनाव के लिए 30 अक्टूबर को मतदान होगा। 2 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। पूर्व मंत्री ईटेला राजेंद्र के इस्तीफा दिये जाने के चलते हुजूराबाद उपचुनाव अनिवार्य हो गया है। जमीन हड़पने के आरोपों के बाद ईटेला ने विधायक और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद में वे भाजपा में शामिल हो गये।