जगलों में रह रहे माओवादियों को भी नहीं बख्शा कोरोना, दो दिन में दो की मौत

हैदराबाद : कोरोना जंगलों में रह रहे माओवादियों को भी नहीं बख्श रहा है। कोरोना महामारी से माओवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता कठिन परिस्थियों का सामना कर रहे हैं। माओवादी ने लगातार दो दिनों में दो नेताओं को खो दिया। माओवादी पार्टी तेलंगाना प्रदेश समिति के प्रवक्ता जगन ने इस आशय का एक बयान जारी किया।

प्रवक्ता ने बताय कि माओवादी केंद्रीय समिति के सदस्य हरिभूषण (दंडकारण्य माड संभाग) और इंद्रावती एरिया समिति की सदस्य सिद्दबोइना सरक्का उर्फ ​​भारतक्का की कोरोना के कारण मौत हो गई।

दो दिन में दो की मौत

माओवादी जगन ने आगे बताया कि लंबे समय से ब्रोंकाइटिस और अस्थमा से पीड़ित यापा नारायण उर्फ ​​हरिभूषण का 21 जून को सुबह 9 बजे निधन हो गया। इसके अगले सुबह 9.50 बजे सिद्दबोइना सारक्का की भी कोरोना के कारण मौत हो गई। 22 जून को उनके नाम पर एक संस्मरण सभा का आयोजन किया गया। पार्टी की ओर से मृतक के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।

33 साल तक सक्रिय

उन्होंने बताया कि हरिभूषण महबूबाबाद जिले के गंगाराम मंडल के मडगुडेम गांव के रहने वाला है। हनमकोंडा में डिग्री की पढ़ाई करते समय साल 1991 में आरएसयू आंदोलन की ओर आकर्षित हो गये। इसके बाद वह धीरे-धीरे 2015 में तेलंगाना प्रदेश समिति के सचिव के स्तर तक पहुंच गये।

साल 2018 में हरिभूषण को केंद्रीय समिति में नियुक्त किया गया। 33 साल तक माओवादी पार्टी के साथ रहे हरिभूषण कई बार मौत के मुंह में चले गये थे। बंदुक गोलियां के सामने पलक झपकते ही बच निकल गये। मगर आखिर कोरोना के आगे घुटने टेक दिये। सिद्दबोइना सरक्का उर्फ ​​भारतक्का भी कुछ इसी तरह पार्टी में लंबा सफर और योगदान रहा है।

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