भारत के इतिहास में पहली बार आंध्र प्रदेश में 500 करोड़ रुपये का गांजा भस्म, जानिए क्यों, कैसे, कौन और कहां?

हैदराबाद : आंध्र प्रदेश पुलिस ने भारत के इतिहास में पहली बार बड़ा कार्यक्रम शुरू किया है। पिछले कुछ महीनों में बड़े पैमाने पर जब्त की गई गांजा को जलाया। आंध्र प्रदेश पुलिस विभाग ने ऑपरेशन परिवर्तन के तहत राज्य में गांजा खात्म करने के लिए कदम उठाया है। अभियान के तहत पुलिस विभाग ने राज्य के विभिन्न विभागों के समन्वय और सीमावर्ती राज्यों की मदद से गांजा के बागानों को बड़े पैमाने पर नष्ट कर दिया। डीजीपी गौतम सवांग ने अनकापल्ली निर्वाचन क्षेत्र के कोडुरु में ड्रग डिस्पोजल कमेटी के नेतृत्व में खुद गांजा को आग लगाई और गांजा से भरे बोरियों को नष्ट कर दिया।

पुलिस विभाग ने कईं दशकों से आंध्र-ओडिशा सीमा (एओबी) के साथ-साथ आदिवासी गांवों में गांजे की खेती पर अपनी पकड़ मजबूत की है। इस ऑपरेशन के दौरान जब्त कुल 2 लाख किलोग्राम गांजा शनिवार शाम को जलाया गया। इस गांजे की कीमत 500 करोड़ से ज्यादा है। पुलिस विभाग इस गांजे को जलाने के दौरान एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया है। इसके लिए टेंट, स्पीकर और ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया है।

इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के डीजीपी गौतम सवांग ने कहा कि एओबी क्षेत्र के गांवों में गांजे की खेती दशकों से चली आ रही है। कई राज्यों के गिरोह एओबी में गांजे की खेती और तस्करी के कारोबार में लिप्त हैं। गांजे को पूरी तरह से मिटाने के लिए एक परिवर्तन कार्यक्रम चलाया गया।

सवांग ने कहा कि गांजा के तस्कर देशभर में है। सभी वर्गों की मदद से गांजा रवाना कर रहे है। माओवादी भी गांजा खेती करने के लिए प्रोत्साहन दे रहे हैं। इसके जरिए पैसा कमा रहे हैं। ओडिशा के 23 जिलों में और विशाखापट्टणम एजेंसी के 11 मंडलों में गांजे की खेती की जाती है।

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डीजीपी गौतम सवांग ने कहा कि ऑपरेशन परिवर्तन के तहत 11 मंडलों के 313 सीमावर्ती गांवों में 406 विशेष दलों ने लगभग 9,251.32 करोड़ रुपये की 7,552 एकड़ में उगाई गई गांजा को नष्ट कर दिया। भविष्य में भी यह कार्यक्रम जारी रहेगा। आदिवासियों ने भी स्वेच्छा से 400 एकड़ में उगाई गई गांजा को नष्ट कर दिया।

डीजीपी सवांग ने कहा कि गांजे की रोकथाम के लिए 120 अंतरराष्ट्रीय चेक पोस्ट बनाए गए हैं। ऑपरेशन परिवर्तन के तहत विशाखापट्टणम में गांजा आपूर्ति करने वालों के खिलाफ 577 मामले दर्ज किए गए और 1,500 लोगों को गिरफ्तार किया गया। अब तक 47,987 किलो गांजा जब्त किया गया है। 46.41 लीटर भांग का तेल जब्त किया गया है। साथ ही 314 वाहनों को सीज किया गया।

डीजीपी गौतम सवांग ने बताया कि अन्य राज्यों के 154 तस्करों के साथ 300 नये लोगों के खिलाफ हिस्ट्रीशीट खोली गई हैं। चार जिलों में 1,363 मामले दर्ज किए गए। जब्त किये गये कुल 2 लाख किलो गांजा को जलाया गया।

उन्होंने कहा कि आदिवासी भांग की खेती की ओर न बढ़े इसके लिए 1,963 जागरूकता कार्यक्रम और 93 रैलियां आयोजित की गई। आदिवासियों के लिए वैकल्पिक फसलों की ओर ध्यान दिलाएंगे। गांजा अब भांग तेल के रूप में नया रूप ले लिया है। राजनेताओं का यह कहना गलत है कि गांजा से निपटने में पुलिस लापरवाही कर रही है। आंध्र प्रदेश में माओवादियों का प्रभाव कम हुआ है।

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