आज का विचार
यदि आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं, तो पहले सूरज की तरह जलना सीखें। – डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
हैदराबाद: मौसमी बीमारियों के चलते हर बस्ती दवाखाना में रोजाना ओपी (आउट पेशेंट) की संख्या सौ पार कर रही है। लेकिन इसमें बड़ों से ज्यादा बच्चे हैं। लगभग 60 प्रतिशत पीडियाट्रिक ओपी है। वर्तमान में बस्ती दवाखान रविवार को भी खुला रख रहे हैं। शनिवार को बंद किया जा रहा है। जीएचएमसी के तहत 259 बस्ती दवाखाने हैं। मानसून से पहले हर बस्ती दवाखाने में रोजाना 50 से 60 मरीज आते थे। लेकिन पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश की वजह से लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि डेली ओपी 100 से 130 है तो इसमें 60 फीसदी से ज्यादा बच्चे हैं। बस्ती दवाखाने के डॉक्टरों ने कहा कि सुबह से दोपहर तक मरीजों की काफी भीड़ रहती है। बच्चों में खासतौर पर बुखार, सर्दी, खांसी वाले ज्यादा हैं। पहले मौसमी बीमारियाँ आती थीं तो लो गांधी, उस्मानिया, निम्स, नीलोफर अस्पताल या पास के पीएचसी और निजी क्लीनिकों में जाते थे। लेकिन ग्रेटर में बस्ती अस्पतालों की स्थापना किये जाने से लोग इनका सहारा ले रहे हैं।
लगातार हो रही बारिश, मच्छरों के प्रकोप और घर के आसपास कूड़े के ढेर के कारण ज्यादातर बच्चे बुखार की चपेट में आ रहे हैं। अस्पताल जाने के बाद डॉक्टर जांच कर दवा देते हैं और समस्या गंभीर होने पर टेलीमेडिसिन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके जरिए बड़े अस्पतालों के संबंधित डॉक्टरों को बच्चों को ऑनलाइन के माध्यम से दिखाकर सलाह दी जा रहे है। डॉक्टर ऑनलाइन परामर्श के जरिए बच्चों की जांच कर दवा भी दे रहे हैं।
इसी क्रम में स्वास्थ्य मंत्री टी हरीश राव ने कहा कि तेलंगाना प्राइमरी हेल्थ सेंटर सीसीटीवी से लैस होंगे। अगले दस दिनों में 729 प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल कराए जाएंगे। सुविधाओं और डॉक्टरों की उपलब्धता की निगरानी के लिए इंटरनेट सुविधाओं वाले कैमरे लगाए जा रहे हैं। तेलंगाना सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ से जुड़ी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कमर कस ली है। सरकार ने तेलंगाना में बस्ती दवाखानों की तर्ज पर तीन हजार ‘पल्ले दवाखाना’ शुरू करने का फैसला लिया है। इसके लिए 30 दिनों के अंदर एक बजार डॉक्टरों की भर्ती की जाएगी। ये दवाखाना सरकार की बस्ती दवाखाना पहल की सफलता के बाद लिया गया है।