तेलंगाना के विधानसभा चुनावों को लेकर हर राजनीतिक पार्टी गंभीर है और साथ ही सभी पार्टियां चुनावी रणनीति तय करने में लगी है। वहीं कांग्रेस किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करना चाहती है। इसीलिए समय-समय पर सत्तारूढ़ बीआरएस और बीजेपी पर जमकर निशाना साध रही है। इतना ही नहीं कर्नाटक के बाद वैसे भी कांग्रेस का उत्साह बढ़ गया है और उसको लगता है कि वह तेलंगाना का किला भी फतह कर सकती है। बस जरूरत है तो सही रणनीति के साथ जनता तक जाने की और उसे बीआरएस की गलतियां बताने के अलावा नई योजनाओं व गारंटियों का प्रलोभन देने की है। तो आइये यहां कांग्रेस की चुनावी रणनीतियों को विस्तार से जानते हैं…
सबसे पहले तो यह जानना चाहिए कि तेलंगाना कांग्रेस जिन छह गारंटी योजनाओं को अपना हथियार बता रही है, उन पर आखिर क्या और कैसी बहस चल रही है? तेलंगाना की जनता अगर छह गारंटियों पर विश्वास करती है तो क्या कांग्रेस का सत्ता में आना तय है? इन छह गारंटियों को जनता तक पहुंचाने की आखिर क्या रणनीति है? सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या तेलंगाना के लोग कांग्रेस पार्टी द्वारा घोषित इन छह गारंटी योजनाओं पर विश्वास करते हैं या करेंगे? क्या कांग्रेस के लिए तेलंगाना में इन छह गारंटी योजनाओं को लागू करना संभव होगा? इन सारे सवालों के जवाब मिलने बाकी है।
जैसा कि हम जानते ही हैं कि तुक्कुगुड़ा सभा में ही कांग्रेस की ओर से सोनिया व राहुल गांधी ने छह गारंटी योजनाओं की घोषणा की। इस सभा के बाद से ही जैसे तेलंगाना कांग्रेस पार्टी को एक नया जोश मिला है। बस तभी से इन छह गारंटी योजनाओं पर जमकर चर्चा चल रही है। कांग्रेस के नेताओं को भरोसा है कि आगामी चुनाव में सत्ता उनकी होगी। हालाँकि, इस बात पर बहस चल रही है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा घोषित छह गारंटी योजनाएँ किस हद तक काम करेंगी। इस पर बीजेपी और बीआरएस भी आलोचना कर रहे हैं कि लोग इस बात पर यकीन करने की स्थिति में नहीं हैं। कांग्रेस ने जो वादे किये उसे लागू करना असंभव है। दूसरी ओर कांग्रेस दावे के साथ कह रही है कि सत्ता में आने पर पहली कैबिनेट में छह गारंटी योजनाएं लागू कर दी जाएगी।
कांग्रेस ने जिन छह गारंटी योजनाओं की घोषणा की है, उनमें पहली योजना है- महालक्ष्मी के माध्यम से महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये पेंशन दी जाएगी, 500 रुपये का होगा रसोई गैस सिलेंडर, आरटीसी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा शुरू की जाएगी। दूसरी योजना है- रैतु भरोसा के माध्यम से हर साल किसानों के बैंक खाते में 15,000 डाले जाएंगे। खेतिहर मजदूरों को 12,000 दिए जाएंगे। धान फसल के लिए 500 रुपये बोनस की घोषणा की गई है। तीसरी योजना है- गृहज्योति योजना के माध्यम से प्रत्येक परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान की जाएगी। चौथी योजना है- इंदिरम्मा इल्लु (मकान) बेघर लोगों को जमीन व मकान बनाने के लिए 5 लाख रुपये दिये जाएंगे। पांचवी योजना है- युवा विकास के अंतर्गत कांग्रेस पार्टी तेलंगाना आंदोलनकारियों को 250 गज घर बनाने के लिए जमीन देना चाहती है। युवा विकास योजना के माध्यम से छात्रों को 5 लाख रुपये विद्या भरोसा उपहार और हर साल में तेलंगाना इंटरनेशनल स्कूलों की स्थापना और छठवीं योजना है-बुजुर्गों, विकलांगों, एकल महिलाओं के लिए 4,000 रुपये का मासिक पेंशन और 10 लाख राजीव आरोग्य बीमा शामिल है।
हालांकि, बीआरएस का आरोप है कि इन योजनाओं को लागू करना इतना आसान नहीं है और कांग्रेस सिर्फ चुनाव जीतने के लिए जनता को लालच दे रही है। हथेली पर चांद दिखा रही है और जब चुनाव जीत जाएगी तो सारे वादे भुला दिए जाएंगे। इसके जवाब में कांग्रेस कह रही है कि वह ऐसी योजनाएं कई राज्यों में लागू कर रही है। उदाहरण के तौर पर कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश में पहले से ही ये सारी योजनाएं लागू की जा रही है।
कांग्रेस द्वारा घोषित छह गारंटी योजनाओं में से 200 यूनिट मुफ्त बिजली और 500 में रसोई गैस, कर्नाटक और राजस्थान में कार्यान्वयन किया जा रहा है। महिलाओं के लिए निःशुल्क बस सुविधा, महालक्ष्मी के माध्यम से 2,500 रुपये और धान किसानों को प्रति क्विंटल 500 रुपये का बोनस कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में दिया जा रहा है। कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि वे सत्ता में आने के तीन महीने के भीतर सभी गारंटी योजनाएं लागू कर रहे हैं और तेलंगाना में भी बिलकुल इसी तरह लागू करेंगे। यहां पहले से ही रैतु बंधु चल रहा है और इसे पांच हजार रुपये और बढ़ाना होगा। तेलंगाना में पेंशन 2.116 हजार दिए जा रहे हैं। हालाँकि, तेलंगाना कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि ये स्वैच्छिक वादे नहीं हैं और वित्तीय विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन करने के बाद ही इसकी घोषणा की गई है।
हालाँकि, मौजूदा योजनाओं के अलावा कांग्रेस द्वारा लाई गई नई योजनाओं का बजटीय प्रभाव बड़ा नहीं होगा। तथ्य यह है कि कालेश्वरम और पालमुरू जैसी परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं। यही कारण है कि अगर तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनती है तो उनके सामने कोई बड़ी परियोजनाएँ नहीं होंगी पूरी करने के लिए। उम्मीद है कि राज्य में राजस्व बढ़ने से नई योजनाओं के लिए दिक्कतें नहीं आएंगी। लेकिन कांग्रेस इन छह गारंटी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए रणनीतिक रूप से घर-घर जाकर अभियान चला रही है। कांग्रेस लोगों को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि वे पहले से ही कांग्रेस शासित राज्यों में लागू कर रही हैं। लेकिन देखना यह है कि जिन छह गारंटी योजनाओं को कांग्रेस अपना हथियार मानती है, वे कितनी सफल होंगी।
वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस इन छह गारंटी योजनाओं के साथ ही और भी अन्य योजनाओं की घोषणा करने के बारे में भी सोच रही है ताकि चुनाव जीतने में किसी तरह की कोई परेशानी न हो। वहीं कुछ दिनों बाद राहुल गांधी भी तेलंगाना का दौरा करने वाले हैं तो हो सकता है कि वे ही नई योजनाओं की घोषणा करेंगे। अब देखने/सोचने वाली बात तो ये होगी कि इन सारी गारंटियों और योजनाओं का लाभ कांग्रेस पार्टी को चुनाव में मिलेगा भी या नहीं। इसके लिए हमें चुनाव तक इंतजार करना होगा और फिर पता चलेगा कि कांग्रेस की छह गारंटी योजनाएं उसे चुनाव जितवाने में सफल होती भी है या नहीं।
– मीता वेणुगोपाल, पत्रकार