हैदराबाद: आइवी लीग अकदमी (Ivy League Academy) ने खेलों का सम्मान करते हुए प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 10 मार्च 2022 को अपना 34वाँ वार्षिक मनाया। क्रीड़ा-दिवस इस विशेष दिवस का शुभारंभ मुख्य अतिथि आदरणीया श्रीमती शालू शर्मा के आगमन से हुआ। इस दौरान श्रीमती शालू शर्मा को विद्यालय के क्रीड़ा अध्यक्ष डॉ नागेश्वर राव ने मैदान तक उप-प्राचार्या श्रीमती राधिका के तत्कालीन प्रशासन प्रबंधक श्रीमान मल्लीकार्जुन के साथ विद्यालय के छात्र संघ प्रमुख भैया श्रीराज और बहन काव्या गोदावर्ती ने गंतव्य तक पहुचाया।
तत्पश्चात श्रीमती शालू शर्मा ने विद्यालय के सभी छात्रों को सम्बोधित करते हुए एक सच्चे खिलाडी की भावना को जाग्रत किया। कार्यक्रमों का शुभारम्भ नन्हें-मुन्ने अबोध बालकों द्वारा स्वागत गीत और संगीत के माध्यम से किया। विद्यालय की नींव के समान चार अनुभाग जिनका नामकरण राष्ट्र की सुप्रसिद्ध चार पर्वतमालाओं- आरावली, नीलगिरी, सतपुड़ा और विंध्याचल के छात्रों ने अपने उत्साह, समर्पण, अनुशासन और समन्वय के साथ मार्च-पास्ट का जो प्रदर्शन किया वह अविस्मरणीय रहा।
आइवी लीग क्रीड़ा-सभा की पवित्र लौ को तत्कालीन-शैक्षणिक वर्ष के सर्वश्रेष्ठ एथलीटों भैय्या स्रेयांश राव, बहन सिरी रवि, भैय्या अलवाज़ खान, और भैय्या आयुष यादव के द्वारा एक से दूसरे और दूसरे से अन्य कई एथलीटों के मध्यम से मशाल प्रज्ज्वलन समारोह को संपन्न किया गया। उसके ठीक बाद विद्यालय के क्रीड़ाध्वज का ध्वजारोहण तत्पश्चात शपथ ग्रहण समारोह संपन्न किया गया। जिसमें प्रत्येक प्रतिभागी ने नियमों का पालन करने और विद्यालय के नैतिक मूल्यों को बनाए रखने की प्रतिज्ञा ली, तब मुख्य अतिथि ने 34वें वार्षिक क्रीड़ा दिवस के शुभारम्भ की घोषणा की।
प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों ने अपनी विलक्षण प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए विभिन्न खेल गतिविधियों जैसे- लंगड़ी दौड़, ज़िगज़ैग होपिंग, बाधिक-दौड़, शंकु-दौड़, हुला-हूप, बोतल-रेस और पिरामिड के निर्माण में किया। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में 34वें वार्षिक क्रीड़ा-दिवस पर अपनी उपस्थिति पर प्रसंनता व्यक्त की। उन्हें विशेष रूप से यह जानकर अतिप्रसन्नता हुई कि आइवी लीग अकादमी न केवल शिक्षाविदों में केंद्रित है, अपितु खेल और अन्य गतिविधियों के क्षेत्र में भी बहुत अधिक ऊर्जावान है।
उन्होने इस तथ्य की भी सराहना की कि आइवी लीग अकादमी ने अपने छात्रों को इस तरह का अद्भुत, सौम्य और रम्य परिसर आशीर्वाद स्वरूप प्रदान किया है। अपने भाषण का समापन करते हुए मुख्य अतिथि ने छात्रों से यह आग्रह किया कि वे अपने जीवन में जो कुछ करें उसके प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखें। जहां प्राथमिक कक्षाओं के छात्र अपनी विलक्षण प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं कक्षा 6, 7 और 8 के छात्रों ने विभिन्न दौड़ प्रतिस्पर्धाओं जैसे कि 100 मीटर दौड़, 200 मीटर दौड़, लड़कों और लड़कियों के लिए 12, 13, 14, 15 और 16 वर्षीय जैसी विभिन्न श्रेणियों की रिले-रेस स्पर्धाएँ आयोजित की गईं। जिसने अनुशासन, टीम भावना और मस्ती की लौ को फिर से जागृत कर दिया।
विजेताओं को पुरस्कार और पदक देने के लिए विद्यालय के सभी वरिष्ठ शिक्षकों और हॉउस मास्टरों सहित उप-प्राचार्या आदरणीया राधिका महोदया और विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती शालू शर्मा ने एक के बाद एक उपस्तथित छात्रों को आमंत्रित कर पुरस्कार वितरण भी किया गया। पुरस्कार वितरण समारोह सतपुड़ा हॉउस द्वारा मार्च पास्ट के विजेता की घोषणा के साथ संपन्न हुआ। वहीं आरावली हॉउस को इस वर्ष का समग्र खेल चैंपियन घोषित किया गया।
आरावाली हॉउस ने इस वर्ष की समग्र खेल चैंपियन ट्राफी जीती और विभिन्न आयोजनों के लिए अच्छी संख्या में ट्रॉफियां भी हासिल की। जिसके लिए आरावाली हॉउस के तत्कालीन हॉउस मास्टर डॉ राहुल प्रताप सिंह ‘आचार्य प्रताप’ सहित सुश्री अंकिता ज्वालकर, श्रीमती स्वपना इन्टूरी ने आपने छात्रों की भूरि भूरि प्रसंशा की। और सभी ने इसका समस्त श्रेय हॉउस कैप्टन भैय्या जॉर्डन अभिषेक, तथा सहायक भैय्या धनुष पार्थसारथी और बहन गरिमा शर्मा को तथा आयुष यादव, सिरी रवि को दिया। जिसमे कक्षा 9 से भैया आयुष यादव और बहन सिरी रवि को वर्ष 2021 – 22 सर्वश्रेष्ठ खेल चैंम्पियन पुरस्कार दिया गया। जिससे आयोजन को और भी यादगार बनाया सकें तथा सभी छात्र अपने सर्वश्रेष्ठ कदम खेलों के लिए आगे बढा सकें।
वार्षिक क्रीड़ा दिवस की समप्ति पर विद्यालय के समस्त छात्रों ने मार्च ऑफ समारोह में भाग लिया, जिसमें एकता, खेलकूद, अनुशासन और सौहर्दता के मूल्यों पर प्रकाश डाला गया। यह कार्यक्रम क्रीड़ाध्वज के अवरोहण और राष्ट्रगान के सम्मान के सम्पन्न हुआ। 34वां वार्षिक क्रीड़ा दिवस एक विशाल सभा के साथ एक बड़ी सफलता थी जो चमकते और गर्व से मुस्कुराते हुए चेहरों को देखती और अधिक ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए कभी न समाप्त होने वाले उत्साह तथा विद्यालय के आदर्श वाक्य मन जहां भय मुक्त हो को बनाए रखता है।