हैदराबाद: तेलंगाना में विधायकों के कथित खरीद-फरोख्त का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष का नाम बहुत पहले ही आया था। मगर अब Special Investigation Team (SIT) ने बीजेपी के नेता बीएल संतोष को तलब किया है। एसआईटी ने उन्हें 21 नवंबर को पेश होने का आदेश दिया है।
एसआईटी ने बीएल संतोष को 41 सीआरपीसी का नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा है कि उन्हें इस महीने की 21 तारीख को हैदराबाद स्थित कार्यालय में सुबह 10.30 बजे पेश हो जाये। अगर वह थाने पेश नहीं होते हैं तो गिरफ्तारी का सामना करना पड़ सकता है। तेलंगाना की सत्ताधारी पार्टी टीआरएस का आरोप है कि बीजेपी ने उनके कुछ विधायकों को रिश्वत देकर खरीदने की कोशिश की है। इसके लिए एक विधायक सौ करोड़ और अन्य विधायक को पचास करोड़ रुपये देकर विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया है। इस मामले में तेलंगाना पुलिस ने चार राज्यों की सात जगहों पर छापेमारी की और तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
यह मामला अदालत पहुंचा और एसआईटी जांच के आदेश दिए गए। इसके बाद बीजेपी ने इस मामले में पुलिस जांच पर रोक लगाने और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि तेलंगाना हाई कोर्ट ने 15 नवंबर को कहा कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के विधायकों के खरीदने के मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) स्वतंत्र होगा और जांच करना जारी रखेगा। हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद एसआईटी का नेतृत्व कर रहे हैं। एसआईटी हाईकोर्ट के जज को सील बंद रिपोर्ट सौपेंगी।
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गौरतलब है कि फोन पर हुई दो कॉल्स और वीडियो की रिकॉर्डिंग लीक हुई। उसके बाद से कथित तौर पर टीआरएस के विधायक को खरीद-फरोख्त करके बीजेपी में शामिल कराने और केसीआर सरकार को गिराने का आरोप लगाया।
26 अक्टूबर को टीआरएस के विधायक रोहित रेड्डी ने तीन लोगों पर आरोप लगाया कि इन तीनों ने उनको और तीन अन्य विधायकों- हर्षवर्धन रेड्डी, पी रेगा कांताराव, गुव्वला बालराजू को 250 करोड़ रुपए और दूसरी सुविधाओं का लालच देकर बीजेपी में शामिल होने को कहा है। जिन तीन लोगों पर आरोप लगाया गया उसमें से एक दिल्ली के सतीश शर्मा उर्फ रामचंद्र भारती, दूसरे हैदराबाद के बिजनेसमैन नंदकुमार और तीसरे तिरुपति के सिम्हाजायी स्वामी शामिल है। ये तीन इस समय चंचलगुड़ा जेल में बंद है।
रोहित रेड्डी ने आरोप लगाया कि उन्हें 100 करोड़ रुपए और दूसरे दो विधायकों को 50-50 करोड़ रुपए देने का वादा किया गया। वहीं तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव ने मीडिया के सामने ऑडियो जारी कर दावा किया कि उस ऑडियो में गृह मंत्री अमित शाह से लेकर पीएम मोदी तक के नाम का जिक्र है और बीजेपी पर उनके विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया। इसके बाद साइबराबाद पुलिस ने 27 अक्टूबर को इस मामले में केस दर्ज किया और सभी तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
बता दें कि जो ऑडियो-वीडियो सामने आया था, उसमें विधायक रोहित रेड्डी और दो अन्य विधायकों को लालच देकर बीजेपी में शामिल कराने के आरोपी हैं। इन आरोपियों को कथित तौर पर अपने प्लान पर चर्चा करते हुए सुना गया था। वहीं दूसरे ओर इस मामले में इन तीनों के बीच की बातचीत की एक रिकॉर्डिंग में गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष का जिक्र भी है। इस कथित टेप में अमित शाह और बी एल संतोष के नाम की तरफ इशारा करते हुए कहा जा रहा है कि बीजेपी के नेता विधायक रोहित रेड्डी और दूसरे विधायकों को करोड़ों रुपए देने को तैयार है। बीजेपी ने सफाई भी दी है कि उनकी पार्टी का आरोपियों से किसी भी तरह का कोई संपर्क नहीं है।
पहली ऑडियो क्लिप में रोहित रेड्डी की आवाज है और वो किसी स्वामी जी को संबोधित कर रहे हैं। माना जा रहा है कि स्वामीजी रामचंद्र भारती हैं और रोहित रेड्डी भरोसा दे रहे हैं कि नंदूजी ने पूरा ख्याल रखने का भरोसा दिया है। हर तरफ से देखभाल किया जाएगा। इनमें सुरक्षा, सियासी कॅरियर और दूसरी तरह से भी मदद की जाएगी। इसके जवाब में सतीश शर्मा की आवाज है और वो यह कहते हुए सुने जा सकते हैं, “हम यही बातचीत नंबर दो के सामने रखेंगे और आपके सामने सब बातचीत होगी। इसमें कोई परेशानी नहीं होगी। (एजेंसियां)