हैदराबाद: तेलुगु के वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, कवि और साहित्यकार याटकर्ला मल्लेश ने शनिवार को तेलंगाना समाचार दौरा किया। इस दौरान मल्लेश ने स्वयं लिखी हुई तेलुगु किताबें- ‘रियल स्टोरी किडनैप… नक्सल चेरलो एमएलए’ और ‘डॉक्टर केशव रेड्डी (ओ जर्नलिस्ट डायरी)’ भेंट की। इस अवसर हमने पत्रकार मल्लेश को ‘फांसी’ (एक बहुजन की आत्मकत्या) सौंपी।
आपको बता दें कि मल्लेश तेलुगु दैनिक उदयम, आंध्राज्योति, वार्ता और सूर्या में कार्य किया है। इसके अलावा स्टूडियो टीवी चैनल, आई न्यूज, वी6 टीवी चैनलों में भी एक पत्रकार के रूप में काम किया है। साथ ही मल्लेश ने रातिबोम्मलु, अन्नलतो ओक रोजू, गायपड्डा सूर्यीडू, एडारी सूरीडू, इंदूर तो कलेक्टर बंधम, रैतुल कोसम अंक्सापुर अशोक रेड्डी, अमरनाथ यात्रा… जर्नलिस्ट डायरी, डब्बुकोसम… (ओ जर्नलिस्ट कथा), निजामाबाद जिलालो नक्सल उदयम, डॉ केशव रेड्डी (ओ जर्नलिस्ट डायरी) और ‘रियल स्टोरी किडनैप… नक्सल चेरलो एमएलए’ पुस्तकें लिखी हैं।

इससे पहले यानी आज सुबह क्रांतिकारी (दिगंबर) कवि निखिलेश्वरजी का फोन आया था। फोन पर निखिलेश्वर जी बताया कि तीन साल पहले आंध्रा ज्योति में लिखी गई फांसी पुस्तक समीक्षा के बारे में मल्लेश ने सोशल मीडिया में उल्लेख किया है और उस पर अनेक लोगों की प्रतिक्रिया का भी उल्लेख किया।
यह सुनकर/जानकर मुझे भी जिज्ञासा हई की तीन साल पहले लिखी गई पुस्तक समीक्षा का अब उल्लेख करने का क्या मतलब हो सकता है। मैंने निखिलेश्वर जी सी सोशल मीडिया में लिखी गई प्रतिक्रिया और मल्लेश जी का फोन नंबर देने का आग्रह किया। इसके बाद मैंने मल्लेश जी को फोन किया और अपनी जिज्ञासा को शेयर किया।
इस दौरान मल्लेश जी ने मुझसे मिलने की इच्छा जताई। केवल इच्छा नहीं बल्कि आंधे घंटे के भीतर घर पर आ गये। मुझे एक भाई की तरह गले लगाया। हम दोनों के बीच लगभग दो घंटे तक फांसी, तेलंगाना समाचार और वर्तमान हालात पर विस्तार से चर्चा की। हमारे मिलने का संक्षिप्त सारांश यह रहा है कि भावी पीढ़ी के लिए कुछ अच्छा लेखन कार्य जारी रहे।

प्रेस अकादमी के चेयरमैन अल्लम नारायाण जी को भी फांसी पुस्तक भेंट
इसी क्रम में हाल ही में हमने एक कार्यक्रम में प्रेस अकादमी के चेयरमैन अल्लम नारायाण जी को भी फांसी पुस्तक भेंट की थी। तब उन्होंने बताया कि फांसी के बारे में बहुत सुना है। इस पुस्तक को जल्द ही तेलुगु में प्रकाशित करने का सुझाव दिया।
सोशल मीडिया में प्रकाशित संवाद
