हैदराबाद : भारत में बहुप्रतीक्षित आरआरआर (RRR) फिल्म की रिलीज स्थगित कर दी गई है। आरआरआर फिल्म नये साल के तोहफे के रूप में 7 जनवरी को रिलीज होने वाली थी, लेकिन कई राज्यों में सिनेमाघरों के बंद होने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया है। पिछले एक साल में कई फिल्में ओटीटी (Over-the-top) पर रिलीज हुई हैं। क्योंकि कई सिनेमाघर कोविड के कारण बंद हो गए थे।
साल 2021 में कुल 400 भारतीय फिल्में और वेब सीरीज ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हों चुकी है। तेलुगु के अलावा, तमिल, मलयालम, कन्नड़, बंगाली, हिंदी, मराठी, पंजाबी, गुजराती, भोजपुरी और कुछ अन्य भाषाओं में ओरिजिनल सीरिज सामने आई है। ओटीटी में इतनी बड़ी संख्या में फिल्म और वेब सीरीज की रिलीज को देखने से स्पष्ट होता है कि भारत में यह प्लेटफॉर्म कितनी तेजी से विकसित हो रहा है। इससे यह धारणा बन गई है कि ओटीटी सिनेमाघरों के लिए खतरा बन गए हैं।
हालांकि, 2021 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्मों के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर कुछ दिलचस्प बातें सामने आई हैं। इस चलन को देखते हुए साफ होता है कि भविष्य में ओटीटी पर फिल्मों की रिलीज कितनी भी बढ़ जाए, इससे सिनेमाघरों को कोई खतरा नहीं है। फिल्म स्क्रीनिंग के लिए ओटीटी एक अतिरिक्त मंच बन गया है। लेकिन यह मंच सिनेमाघरों का विकल्प नहीं हो सकता। क्योंकि दर्शकों के बीच थिएटरों में फिल्म देखने का जुनून अब भी बरकरार है। थिएटरों का जादू आज भी कायम है।
थिएटर बनाम ओटीटी की जंग पिछले 18 महीने से जारी है। लेकिन 2021 के आखिरी दो महीनों में इस जंग पर विराम लग गया। इसने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सिनेमाघरों के प्रति दर्शकों की दीवानगी कम नहीं हुई है। साल भर में चाहे कितनी भी फिल्में ओटीटी पर रिलीज हुए हो, लेकिन इन दो महीनों में सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी फिल्मों को दर्शकों ने पसंद किया है। कोविड ने बड़े हीरो वाली फिल्मों को अपना निशाना बनाया। इसी के कारण ओटीटी पर रिलीज करने की नौबत आई है। जून 2020 में अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘गुलाबो सिताबो’ अमेज़न प्राइम पर रिलीज़ हुई थी। इसके साथ ही भारतीय फिल्म उद्योग में एक नए युग की शुरुआत हुई।
इसके बाद ओटीटी रिलीज ने रफ्तार पकड़ी। समय के साथ कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को देखकर लगता है कि ओटीटी पर फिल्मों की रिलीज की गति से इसी तरह जारी रहने की संभावना है। दर्शकों को घर पर बैठकर बड़ी फिल्में और सस्तें में देखने के आदी हो गये हैं। मगर नवंबर और दिसंबर में सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्में इस विचार को गलत साबित कर दिया। यह देखकर माना जाने लगा है कि दर्शक अब सिनेमाघरों में नहीं आएगे। नवंबर और दिसंबर में रिलीज हुए फिल्मों ने यह साबित कर दिया है वह सोच गलत है।