न्यूयार्क (एजेंसियां) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शविवार को संयुक्त राष्ट्र के 76वें सत्र को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने सबसे पहले कोरोना से लड़ाई का जिक्र किया। साथ ही कोरोना वैक्सीन निर्माताओं को भारत में आकर वैक्सीन निर्माण के लिए आमंत्रित किया।
ग्लोबल पार्टनरशिप के महत्व पर भी जोर दिया। इसके अलावा अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए आतंकवाद के प्रति दुनिया को चेताया।
पीएम मोदी के कहा कि दुनिया पिछले डेढ़ साल से सौ साल के इतिहास में सबसे खतरनाक महामारी कोरोना वायरस का सामना कर रहा है। जिन लोगों ने इस महामारी में अपनी जान गंवाई है मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।
प्रधानमंत्री ने बताया कि मैं ऐसे देश से हूं जो लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र की ताकत है कि चायवाला यहां पर प्रधानमंत्री के तौर पर आया है। ऐसा प्रधानमंत्री आज चौथी बार यूएनजीए को संबोधित कर रहा है। भारत विकास करता है तो दुनिया आगे बढ़ती है। आज भारत में रोजाना तीन करोड़ से अधिक लेनदेन हो रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सेवा परमो धर्म है। आज भारत वैक्सीन निर्माण में जी-जान से जुटा है। मैं जानकारी देना चाहता हूं कि भारत ने दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन विकसित कर ली है। इसे 12 साल से उम्र से अधिक लोगों को लगाया जा सकता है। हम नेसल वैक्सीन निर्माण में भी जुटे हैं। भारत ने जरूरतमंदों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है। आज मैं दुनिया के सभी वैक्सीन निर्माताओं को भारत में वैक्सीन निर्माण के लिए आमंत्रित करता हूं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी ने विश्व को ये भी सबक दिया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को और विवधतापूर्ण किया जाये। हमारा आत्मनिर्भर भारत अभियान इसी बात से प्रभावित है। भारत एक भरोसेमंद पार्टनर बन रहा है। भारत इकोलॉजी और इकोनॉमी दोनों में बेहतर कार्य कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए न हो। अफगानिस्तान में हिंदुओं, सिखों की सुरक्षा जरूरी है। हमें सतर्क रहना होगा कि वहां के हालातों का कोई देश अपने हितों के लिए इस्तेमाल न करे। वहां की महिलाओं, बच्चों को हमारी मदद की जरूरत है। हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा।