उदगीर (महाराष्ट्र) : प्रेम की राह कठिन है। प्यार में दिल दो, लेकिन दिल को कैद मत होने दो। प्यार में ज्यादा नाजूक होना खतरनाक है। इन सबका कारण और प्रेम का महत्व बताते हुए प्रो मिर्जा वाहिद अली कहते हैं कि प्रेम के रहस्य को उजागर करने वाली साहित्यिक कृति ‘प्रॉफिट’ है। ‘चला कवितेच्या बनात’ साहित्यिक उपक्रम के तहत 245वें वाचक संवाद के दौरान मिर्जा वाहिद अली ने उक्त विचार व्यक्त किया है।
वाचक संवाद कार्यक्रम में कचरूलाल मुंदडा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस दौरान प्रो वहीद अली मिर्जा ने खलील जिब्रान की लिखित प्रॉफिट साहित्य पर चर्चा करते हुए आगे कहा कि प्यार भी एक आदमी बनाता है। एक राजा चढ़ता है। प्यार को सिर्फ प्यार चाहिए। बुनाई में कई तार होते हैं और वे अकेले रहते हैं, लेकिन उनकी धुन एक साथ चलती है, सैद्धांतिक रूप से हमें भी रहना चाहिए।
शादी के बाद साथ मिलकर रहने का मतलब साथ रहना नहीं है। आपकी संतान कामुक इच्छाओं का परिणाम हैं। वे आपके माध्यम से आते हैं, लेकिन आपसे नहीं। आप उनके शरीर को आश्रय दे सकते हैं, लेकिन उनकी आत्मा को नहीं।
कोरोना की पृष्ठभूमि पर हुई इस चर्चा में मुरलीधर जाधव, प्रो गोपाल पाटिल, मोहन निदवांचे, शांताबाई गिरबाने आदि ने भाग लिया। इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों को पुस्तक उपहार और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। उपस्थित लोगों को जन्मदिन के अवसर पर किताब भेंट की गई।
कार्यक्रम के अंत में कचरूलाल मुंदडा ने उचित अध्यक्षीय निष्कर्ष निकाला। कार्यक्रम का संचालन मुरलीधर जाधव ने किया और धन्यवाद प्रो गोपाल पाटिल ने किया। संयोजक अनंत कदम, राजपाल पाटिल और अन्य ने भी अपने विचार व्यक्त किया।