हैदराबाद: गुरुवार को लखनऊ (उत्तर प्रदेश) स्थित ‘नई पीढ़ी’ कार्यालय में जड़ी बूटियों को पहचान दिलाने वाले और योग गुरु बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिन को ‘जड़ी-बूटी दिवस’ के रूप में मनाया गया। इस दौरान मिष्ठान वितरण के साथ ही तुलसी के पौधे का भी वितरण किया गया।
तत्पश्चात ‘जड़ी बूटियों के क्षेत्र में कैसे जागरूक हो नई पीढ़ी’ विषय पर एक विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। इस विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर अपनी बात रखते हुए राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान केंद्र, फार्माकोग्नोसी विभाग, लखनऊ के प्रमुख वक्ता तथा वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ शरद श्रीवास्तव ने कहा कि जड़ी बूटियां मानव शरीर के लिए बहुत उपयोगी हैं, परंतु मिश्रण की समझ होना भी आवश्यक है।
उन्होंने आगे कहा कि जड़ी-बूटियों की खेती नई पीढ़ी के लिए फायदेमंद हो सकती है। हालांकि इस बात की जानकारी होना जरुरी है कि किस जड़ी बूटी के लिए किस तरह की जमीन होनी चाहिए। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि नई पीढ़ी ने आज बहुत ही अच्छे विषय पर परिचर्चा आयोजित की है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए ‘राजकीय आयुर्वैदिक महाविद्यालय’ के द्रव्य गुण विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ माखनलाल ने ‘आयुर्वेद व जड़ी बूटियों’ की महत्ता को रेखांकित किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में अपनी बात रखते हुए उत्तर भारत के प्रसिद्ध बागवानी विशेषज्ञ उद्यान रत्न एससी शुक्ला ने कहा कि ‘नई पीढ़ी’ के संस्थापक शिवेंद्र प्रकाश द्विवेदी इस तरह के आयोजनों के माध्यम से लगातार नई पीढ़ी को प्रेरित कर रहे हैं। इनके ऐसे कार्यों के लिए मेरा बहुत-बहुत साधुवाद है।
कार्यक्रम में आयुर्वेदाचार्य बीडी वर्मा, दैनिक जागरण व अमर उजाला के प्रख्यात स्तंभकार व पूर्व आईएएस आर. विक्रम सिंह ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर श्री एससी शुक्ला व प्रोफेसर डॉ माखनलाल को एनबीआरआई के वरिष्ठ प्रमुख वैज्ञानिक डॉ शरद श्रीवास्तव के हाथों जड़ी-बूटी रत्न से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में राज्य सरकार द्वारा विवेकानंद युवा पुरस्कार से सम्मानित यूथ आईकॉन रविकांत मिश्रा व अंकित मौर्य, ‘नई पीढ़ी फाउंडेशन’ शिक्षक शाखा के पूर्वांचल संयोजक राजीव वर्मा, बाराबंकी जिलाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार, फाउंडेशन’ की महिला शाखा अध्यक्ष रितु सिंह ,’नई पीढ़ी’ के प्रदेश प्रभारी चंद्रशेखर पांडे, प्रबंध संपादक आदित्य पति त्रिपाठी, उप संपादक अशोक पंजवानी, संवादाता गोपाल मिश्रा, सुरेंद्र बोरा, अस्थाना जी, अमित सिंह, सुनीता सिंह, विनोद उत्तरानी, अनुभवी सिंह, अभिषेक पांडे, शेखर यादव, रवि कुमार सहित तमाम लोग मौजूद थे।