तेलंगना में चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई है और हर पार्टी चुनावी रणनीति की धार को तेज करने में लगी है। वहीं चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता को भी लागू कर दिया गया है। हर पार्टी दूसरी से कैसे आगे निकला जाए और कैसे जनता को लुभाकर वोट हासिल किये जाए यही सोचने में लगी है। वहीं हर पार्टी अपना चुनावी घोषणापत्र जारी कर रही है और अब राजनीति व आरोप-प्रत्यारोप भी इसीको लेकर लगाए जा रहे हैं। बीआरएस ने घोषणापत्र जारी कर दिया है और कांग्रेस का कहना है कि उसने उसकी छह गारंटी योजना की पहले तो आलोचना की और अब उसका प्रारूप बदलकर घोषणापत्र में जारी भी कर दिया, जो कि गलत है। आइये यहां दोनों पार्टियों के बीच आखिर घोषणापत्र को लेकर क्या-कुछ हो रहा है, यहां विस्तार से जानते हैं …
यह तो हम सब जानते ही हैं कि बीआरएस ने हाल ही में अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया है और अब कांग्रेस पार्टी के नेता आरोप लगा रहे हैं कि बीआरएस घोषणापत्र में उनके द्वारा घोषित छह गारंटी को बदलकर पेश किया गया है। हालाँकि, जिन बीआरएस नेताओं ने सवाल उठाया था कि क्या छह गारंटियों का कार्यान्वयन संभव है। अब कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उन्होंने इसे लागू करने की घोषणा करके अपनी शाही मुहर इस पर लगा दी है। कांग्रेस सांसद कोमटिरेड्डी वेंकटरेड्डी ने बीआरएस नेताओं पर कांग्रेस पार्टी द्वारा दी गई छह गारंटी से हार का डर सताने की वजह से ऐसा करने का आरोप लगाया। कोमटी रेड्डी ने टिप्पणी की कि बीआरएस ने कांग्रेस के घोषणापत्र की हूबहू नकल की है।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना के लोग बीआरएस घोषणापत्र पर विश्वास नहीं करेंगे और बीआरएस घोषणापत्र में ऐसे वादे शामिल हैं जिन्हें लागू नहीं किया जा सकता है। कोमटी रेड्डी वेंकट रेड्डी ने कहा कि जब उनकी सरकार बनेगी तो वे अपने वादों को सख्ती से लागू करेंगे और पूरा करेंगे। दूसरी ओर देखा जाए तो बीआरएस नेता इस बात का कड़ा विरोध कर रहे हैं कि उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र की नकल की है, बल्कि मंत्री हरीश राव ने पलटवार करते हुए कहा कि उनका घोषणापत्र देखकर विपक्षी नेताओं को हार का डर सताने लगा है। इसीलिए वे नकल का आरोप लगा रहे हैं। हरीश राव ने कहा कि चाहे ये लोग कुछ भी कर ले पर तेलंगाना में आएगी तो बीआरएस की सरकार ही।
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री केटीआर ने कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियों का कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव के बीआरएस द्वारा घोषित चुनावी घोषणापत्र में योजनाओं के नाम बदलकर कांग्रेस ने ये छह गारंटी के रूप में लोगों के सामने पेश किया है तो जाहिर सी बात है कि बीआरएस ने कांग्रेस की नकल नहीं की बल्कि कांग्रेस ने बीआरएस की नकल की है और हार के डर से वो ऐसी हरकतें कर रही है। केटीआर ने आगे कहा कि चुनाव हारने का इतिहास कांग्रेस का है और उन्हें तेलंगाना की स्पष्ट समझ नहीं है। मंत्री केटीआर ने कहा कि न सिर्फ कांग्रेस बल्कि बीजेपी ने भी उनकी योजनाओं की नकल की है।
केटीआर ने कहा कि कांग्रेस ने हमारी योजनाओं की नकल की और उन्हें कर्नाटक में घोषित गारंटी में शामिल किया। दूसरी ओर, भाजपा ने हमारे विचारों की नकल की है। प्रधानमंत्री मोदी ने रैतुबंधु और मिशन भागीरथ जैसी हमारी योजनाओं की नकल की और पीएम किसान सम्मान निधि और हर घर जल योजनाएं शुरू कीं। आगे कहा कि खास बात तो ये है कि लोग हमारी योजनाओं की नकल कर रहे हैं और फिर हम पर ही नकल का आरोप भी लगा रहे हैं। केटीआर ने यह भी कहा कि तेलंगाना के लोग बीआरएस का घोषणापत्र देखकर बेहद खुश हैं और यही बात विपक्षी दलों को सता रही है तभी तो वे ऐसे आरोप लगा रहे हैं जिन पर कोई विश्वास नहीं करता। विपक्षी दलों को बीआरएस का घोषणापत्र देखकर हार का डर सता रहा है और वे इसे इतनी आसानी से पचा नहीं पा रहे।
आईटी मंत्री ने कहा कि 2014 तक तेलंगाना में कांग्रेस ही सत्ता में थी। तो आखिर वह इतने वर्षों में लोगों के कल्याण के लिए ऐसी योजनाएं शुरू करने में विफल क्यों रही? ये योजनाएं लागू करने से उसको किसने रोका था? उन्होंने लोगों से यह भी अपील की कि वे तेलंगाना में कांग्रेस और भाजपा नेताओं के कामकाज व व्यवहार से सावधान रहें। केटीआर ने जनता से कहा- “आपको समझना चाहिए कि कांग्रेस और भाजपा के मालिक दिल्ली में बैठे हैं। लेकिन बीआरएस के नेता तेलंगाना की हर गली में हैं। वे आप तक और आप उन तक आसानी से पहुंच सकते हैं।”
केटीआर ने कहा कि कुछ विपक्षी नेताओं को लगता है कि केसीआर पर हमला करके वे वोट हासिल कर लेंगे। लेकिन यह एक भ्रम के अलावा और कुछ नहीं है। जीत बीआरएस की ही होगी और विपक्षी दल बस सब कुछ देखकर हाथ मलते रह जाएंगे। कुल मिलाकर तेलंगाना में घोषणापत्रों पर बवाल मचा है और राज्य की राजनीति में हॅाट टॅापिक बन गया है। इस तरह घोषणापत्रों पर नकल के आरोपों की जंग अभी कुछ समय तक जारी रहने की संभावना है। देखना यह है कि चुनाव तक चुनावी घटनाक्रम और कितने दिलचस्प मोड़ लेते हैं।
– मीता वेणुगोपाल पत्रकार