Karnataka Election Results 2023 Update: कांग्रेस की भारी जीत दर्ज, एग्जिट पोल नहीं हुआ सच साबित

हैदराबाद : कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस ने भारी जीत दर्ज की है। कांग्रेस को 136 सीटों के साथ साफ बहुमत मिला है। वहीं बीजेपी महज 65 सीटों पर सिमट गई। एग्जिट पोल में किंगमेकर कही जा रही जेडीएस महज 20 सीटें जीत सकी है। 10 मई को राज्य की 224 सीटों पर 73.19 प्रतिशत मतदान हुआ था। पिछले 38 साल के दौरान राज्य में सत्ता बदलने का इतिहास रहा है।

कार्यकर्ताओं और नेताओं को बधाई और धन्यवाद : राहुल गांधी

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आज आ रहे हैं। 10 मई को राज्य की 224 सीटों पर 73.19 प्रतिशत मतदान हुआ था। पिछले 38 साल के दौरान राज्य में सत्ता बदलने का इतिहास रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जनता दल सेक्युलर को 37 सीटों पर जीत मिली थी।

“कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को बधाई और धन्यवाद देता हूं। कर्नाटक के चुनाव में गरीब जनता की शक्ति जीती है। मोहब्बत की दुकान चुनने के लिए कर्नाटक की जनता का शुक्रिया…”। कर्नाटक की जनता से 5 वादे किए थे, उन्हें पूरा करेंगे। कर्नाटक की जनता को बधाई देना चाहता हूं।

हमारी 5 गारंटी हम पूरी करेंगे : खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस की जीत जनता की जीत है। जनता ने एक भ्रष्ट सरकार को हराया है। हमें आगे बहुत कुछ करना है। हमें वादे निभाने हैं, हमारी 5 गारंटी हम पूरी करेंगे।

विधानसभा चुनावों के तहत वोटों की गिनती जारी है। कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी बनकर उभरी है। रुझानों और नतीजों को लेकर दिल्ली और कर्नाटक समेत देशभर के कांग्रेस दफ्तरों में जश्न मनाया जा रहा है। उधर, बीजेपी ने हार स्वीकार कर ली है। सीएम बोम्मई ने कहा कि हम मंजिल तक नहीं पहुंच पाए। बीएस येदियुरप्पा ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि हार-जीत भाजपा के लिए बड़ी बात नहीं है। दो सीट से शुरुआत कर भाजपा आज सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। कार्यकर्ताओं को दुखी होने की जरूरत नहीं है। हम अपनी हार पर पुनर्विचार करेंगे। हम जनता के फैसले का सम्मान करते हैं और हमें वोट करने के लिए हम जनता का धन्यवाद करते हैं।

बजरंग दल होगा बैन

इसी क्रम में कांग्रेस के सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि हम चुनाव जीते हैं तो बजरंग दल बैन होगा। उन्होंने कहा कि ये असर कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का है। कर्नाटक की जनता ने नफरत की राजनीति को नकार दिया है। बजरंग बली का आशीर्वाद हमें मिला है। सारे सूफी संतों का आशीर्वाद हमें मिला है। 

आपको बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव की 224 सीटों पर 10 मई को मतदान हुआ था। हालांकि इस बार के चुनाव में 73.19 फीसदी मतदान हुआ था, जो 2018 के चुनाव के मुक़ाबले 1% कम है। एग्जिट पोल की बात करें तो कांग्रेस को बहुमत दिया था। एक सर्वे में बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान जताया था और 6 सर्वे ने हंग असेंबली का दावा किया था। अब रुझानों की मानें तो कांग्रेस ही कर्नाटक की किंग बनकर उभरती दिख रही है। बीजेपी और जेडीएस काफी पीछे दिख रही हैं। 

“ये जनता की जीत है”,- उद्धव ठाकरे

कर्नाटक में कांग्रेस की जीत को लेकर उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में जनता की जीत हुई है। 

“BJP को जनता ने हरा दिया…”- शरद पवार

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की है। कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन के साथी NCP प्रमुख ने इस जीत पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। शरद पवार ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक में बीजेपी की तुलना में कांग्रेस को दोगुनी सीटें आई हैं। कांग्रेस की इस बड़ी जीत का कारण जनता का साथ है। बीजेपी को जनता ने हरा दिया है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस की इस बड़ी जीत का कारण सत्ता का दुरूपयोग और कड़ी प्रतिक्रिया थी कि हम प्रजा को तोड़कर शासन कर सकते हैं।

कांग्रेस ने पार किया जादुई आंकड़ा

कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने बहुमत का आंकड़ा (113) पार कर लिया है। अभी भी 19वें स्थान पर चल रही है। इसके साथ ही कन्नड़ कांग्रेस ने सत्ता संभाली। वहीं, बीजेपी ने 53 सीटों पर जीत दर्ज की है और वह दूसरे नंबर पर है। अभी भी 14 स्थानों पर आगे चल रहे हैं। जेडीएस की सीटों की सूची नहीं पहुंच सकी है। अब तक जेडीएस ने 17 सीटों पर जीत हासिल की है।

पीसीसी चीफ डीके शिवकुमार एक लाख से ज्यादा वोटों से विजयी

कर्नाटक चुनाव के रुझानों में कांग्रेस के पूर्ण बहुमत के साथ-साथ जीत-हार के कारणों पर भी चर्चा शुरू हो गई है। कर्नाटक में बीजेपी की शर्मनाक हार के पीछे एक मजबूत चेहरे की कमी और राजनीतिक समीकरणों को संभालने में विफलता मुख्य कारण रहे हैं।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम दिवस कर्नाटक में 36 मतगणना केंद्रों पर 224 विधानसभा मतों की गिनती जारी है। अब तक के रुझानों में कांग्रेस सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को हराकर पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आती दिख रही है। अब तक के रुझानों में बीजेपी 70 सीटों से नीचे सिमटती नजर आ रही है। वहीं कांग्रेस 125 पार कर चुकी है, तो JDS में 24 सीटों में आगे है, जबकि 6 सीटों पर निर्दलीय आगे चल रहे हैं। वहीं PCC चीफ डीके शिवकुमार 1 लाख से ज्यादा वोटों से जीते हैं।

कर्नाटक में भाजपा के हार के कारण

1- कर्नाटक में दमदार चेहरा नहीं होना

कर्नाटक में भाजपा की हार की सबसे बड़ी वजह किसी मजबूत चेहरे का न आना रहा है। भाजपा ने भले ही येदियुरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया हो, लेकिन सीएम की कुर्सी पर रहने के बावजूद बोम्मई का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा। जबकि, कांग्रेस के पास डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया जैसे मजबूत चेहरे थे। बोम्मई को आगे खड़ा करना भाजपा को महंगा पड़ा।

2- भ्रष्टाचार

बीजेपी की हार का मुख्य कारण भ्रष्टाचार का मुद्दा था। कांग्रेस ने शुरुआत से ही भाजपा के खिलाफ 40 प्रतिशत वेतन ‘मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार’ का एजेंडा रखा और धीरे-धीरे यह एक बड़ा मुद्दा बन गया। एस ईश्वरप्पा को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और बीजेपी के एक विधायक को जेल जाना पड़ा था। राज्य ठेकेदार संघ ने इसकी शिकायत पीएम से भी की थी। यह मुद्दा चुनाव में भी बीजेपी के गले की फांस बना रहा और पार्टी इसका हल नहीं निकाल पाई।

3- भाजपा नहीं संभाल पाई सियासी समीकरण

भाजपा कर्नाटक के राजनीतिक समीकरण को सीधा नहीं रख पाई। बीजेपी न तो अपने कोर वोट बैंक लिंगायत समुदाय को अपने पास रख सकी और न ही दलित, आदिवासी, ओबीसी और वोक्कालिंग समुदायों का दिल जीत सकी। दूसरी ओर, कांग्रेस मुसलमानों, दलितों और ओबीसी को मजबूती से जोड़े रखने के साथ-साथ लिंगायत समुदाय के वोट बैंक में सेंध लगाने में सफल रही है।

4- काम नहीं आया ध्रुवीकरण का दांव

कर्नाटक में एक साल से भाजपा नेता हलाला, हिजाब से लेकर अजान तक का मुद्दा उठा रहे हैं। पिछले चुनाव के समय बजरंगबली की भी एंट्री हुई थी, लेकिन धार्मिक ध्रुवीकरण की ये कोशिशें बीजेपी के काम नहीं आईं। जब कांग्रेस ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया तो भाजपा ने बजरंग दल को सीधे बजरंग बली से जोड़ दिया और पूरे मामले को भगवान का अपमान बताया। बीजेपी ने जमकर हिंदुत्व कार्ड खेला, लेकिन यह दांव भी काम नहीं आया।

5- महंगा पड़ा

कर्नाटक में भाजपा को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा इस चुनाव में साइडलाइन रहे। पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी को भाजपा ने टिकट नहीं दिया, जबकि दोनों नेता कांग्रेस में शामिल हो गए और मैदान में उतर गए। येदियुरप्पा, शेट्टार, सावदी तीनों ही लिंगायत समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना बीजेपी को महंगा पड़ा।

6- सत्ता विरोधी लहर झेल नहीं सकी BJP

कर्नाटक में भाजपा की हार का प्रमुख कारण सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला करने में उसकी अक्षमता भी रही है। भाजपा के सत्ता में होने के कारण लोगों में इसके खिलाफ नाराजगी थी। बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर चली, जिससे निपटने में बीजेपी पूरी तरह से नाकाम रही है।

कर्नाटक चुनाव परिणामों पर टीपीसीसी प्रमुख रेवंत रेड्डी की प्रतिक्रिया

कर्नाटक चुनाव परिणामों पर टीपीसीसी प्रमुख रेवंत रेड्डी की प्रतिक्रिया व्यक्त किया है। उन्होंने भविष्यवाणी की कि कर्नाटक के नतीजे तेलंगाना में दोहराए जाएंगे और कांग्रेस अगले चुनाव में राज्य में सत्ता में आएगी। उन्होंने विश्वास जताया कि अगले लोकसभा चुनाव में दिल्ली के लाल किले पर भी कांग्रेस का झंडा फहराया जाएगा।

रेवंत रेड्डी ने आगे कहा कि बीजेपी को हराकर मोदी और जेडीएस को हराकर केसीआर हारे हैं। उन्होंने कहा कि टीपीसीसी कर्नाटक के नतीजे स्वागत करेगी। रेवंत रेड्डी ने कहा कि कर्नाटक के नतीजों से लोगों ने मोदी और बीजेपी को साफ तौर पर नकार दिया है। उन्होंने कहा कि जेडीएस के जरिए त्रिशंकु विधानसभा लाने की केसीआर की उम्मीदें नाकाम रहीं।

उन्होंने कहा कि ये नतीजे राहुल गांधी द्वारा की गई भारत जोड़ो पदयात्रा के जरिए आए हैं और तेलंगाना में भी एक स्थिर सरकार बनेगी। रेवंत ने सवाल किया कि केसीआर द्वारा समर्थित जेडीएस पार्टी भाजपा का समर्थन कैसे करेगी।

कांग्रेस ने 113 का जादुई आंकड़ा पार कर लिया है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों की गिनती को लेकर सस्पेंस बरकरार है। पोस्टल बैलेट वोटों में बीजेपी ने पहले आगे थी, लेकिन बाद में कांग्रेस ने फिर बढ़त बना ली।

कांग्रेस की जीत पर दो एकड़ की बेटिंग

कर्नाटक चुनाव नतीजों पर सट्टा जोरों पर जारी है। मीडिया में खबरें आ रही हैं कि नतीजों पर 20 हजार करोड़ रुपए तक का सट्टा कारोबार हो चुका है। हाल ही में एक शख्स ने अपनी दो एकड़ जमीन बेटिंग लगाकर कर कहा कि इसके लिए कोई आगे आए। ये वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

होन्नाली निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार शांतनगौड़ा जीतने और वर्तमान विधायक एमपी रेणुकाचार्य की जीत बेटिंग जोरों पर जारी है। शांतनगौड़ा की जीत पर नागन्ना नाम के एक व्यक्ति ने अपनी दो एकड़ जमीन बेटिंग पर रख है। किसान ने गुरुवार की रात गांव में डंडोरा कराया। उसने कहा कि शर्त लगाने वाले को आने आये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

Recent Comments

    Archives

    Categories

    Meta

    'तेलंगाना समाचार' में आपके विज्ञापन के लिए संपर्क करें

    X