कादम्बिनी क्लब : ‘काव्य के रंग कादम्बिनी क्लब के संग’ संगोष्ठी में कवियों ने दागे रंग-बिरंगे ‘तीर’, गदगद हुआ सभागर

हैदराबाद : कादम्बिनी क्लब हैदराबाद की 368वीं मासिक गोष्ठी का आयोजन रविवार को क्लब की अध्यक्ष डॉ अहिल्या मिश्र के निवास स्थान शांडिल्य सार्त्रम में किया गया। प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी देते हुए डॉ अहिल्या मिश्र (क्लब अध्यक्ष) एवं मीना मुथा (कार्यकारी संयोजिका) ने बताया कि इस अवसर पर डॉ ऋषभ देव शर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। साथ ही डॉ गंगाधार वानोडे, डॉ मदन देवी पोकरणा, अजीत गुप्ता, वेणुगोपाल भट्टड, सुमन मलिक और डॉ अहिल्या मिश्र मनचासीन हुए।

सर्वप्रथम मां शारदे के छवि के सम्मुख दीप प्रज्वलित किया गया और शुभ्रा महंतों द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। शिल्पी भटनागर ने सत्र का संचालन करते हुए डॉ अहिल्या मिश्र को स्वागत भाषण के लिए आमंत्रित किया। डॉ मिश्र ने कहा कि विगत 30 वर्षों में प्रथम बार ही किसी के निवास स्थान पर यह गोष्ठी हो रही है। मेरी हार्दिक इच्छा थी कि नूतन गृह में आप सबकी उपस्थिति के साथ सरस्वती वंदना और साहित्य के यज्ञ का आयोजन हो। आप सभी के आगमन से मैं अभिभूत हूँ। आपका स्नेह यूँ ही बना रहे।

मीना मुथा ने क्लब की ओर से कहा कि वर्ष 1994 में क्लब की स्थापना हुई। उन्होंने उस समय की परिस्थितियों पर प्रकाश डाला और कहा कि आज क्लब के परिवार में सबका जुड़ना निश्चित ही निरंतरता का परिचायक है। शुभ्रा मोहंतो, ऋचा और सास्मिता नायक ने होली के गीत के साथ गोष्ठी का अगाज किया। साथ ही कई सुंदर गीतों की प्रस्तुति उन्होंने दी।

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शिल्पी भटनागर ने आरंभिक गोष्ठियों की जानकारी दी। तत्पश्चात् काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। इसमें सुहास भटनागर, उमा सोनी, भगवती अग्रवाल, रवि वैद, अद्रिका कुमारी, डॉ राशि सिन्हा, मोहिनी गुप्ता, देवा प्रसाद मायला (संस्मरण), नितेश सागर, राजीव सिंह, विनोद गिरि अनोखा (भोजपुरी गीत),  शिल्पी भटनागर,  सीताराम माने, दर्शन सिंह (पंजाबी गीत), प्रदीप देवी शरण भट्ट, सुनीता लुल्ला, डॉ संगीता शर्मा (होली गीत), डॉ रमा द्विवेदी, 

प्रवीण प्रणव, अजय कुमार पांडे, किरण सिंह, तृप्ति मिश्रा, विनीता शर्मा, शिवांगी गुप्ता, लाड़ली मोहन धानुका, तरुणा बन्ना, सरिता सुराना जैन, आर्या झा, मोहित ओझल, रंजीता, श्री पूनम जोधपुरी, सत्यनारायण काकड़ा, जी परमेश्वर, डॉ कृष्णा सिंह, सूरज प्रसाद सोनी, दीपक दीक्षित, इन्दु सिंह, डॉ पूर्णिमा शर्मा, डॉ मदन देवी पोकरणा, मीना मुथा, डॉ सुनीला सूद और डॉ अहिल्या मिश्र ने  काव्य पाठ में भाग लिया।

मनचासीन अथिति अजीत गुप्ता ने “रंग बिरंगे रंगों का त्योहार है होली”, वेणुगोपाल भट्टड ने हास्य व्यंग्य सुनाते हुए कुछ छंद और गुदगुदाने वाले हायकु प्रस्तुत किए तथा के के ठाकुर ने संस्मरणात्मक उद्बोधन दिया। प्रो ऋषभदेव शर्मा ने अध्यक्षीय काव्य पाठ में “कुत्तागति”, “बाली” कविता एवं  सुंदर शृंगार गीत सुनाये।

क्लब के सचिव देवा प्रसाद मायला ने क्लब की ओर वे धन्यवाद ज्ञापित किया। दिव्या मिश्रा ने मिश्र परिवार की ओर से धन्यवाद दिया। डॉ आशा मिश्र ‘मुक्ता’ और मानवेंद्र मिश्रा ने व्यवस्था में सहयोग दिया और  शिल्पी भटनागर एवं प्रवीण प्रणव का सुचारू संयोजन ने कार्यक्रम को  सफल बनाया।

दीपा ढगत (पति पत्नी), डॉ सरिता गर्ग,  शीतल अग्रवाल, श्री मोहंतो, चंद्रलेखा कोठारी आदि ने अपनी उपस्थिति प्रदान की अवसर पर सभी कवियों को 30 वर्षों की यात्रा में क्लब का साथ निभाने हेतु और काव्य पाठ करने हेतु क्लब की ओर से मोमेंटो प्रदान किए गए और समापन पर सभी को तुलसी का पौधा भेंट की गई।

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