पंद्रहवें राष्ट्रपति के चुनाव सोमवार को, TRS का यशवंत सिन्हा को और YSRCP का द्रौपदी मुर्मू को समर्थ

हैदराबाद: पंद्रहवें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए सोमवार को मतदान होगा। राष्‍ट्रपति चुनाव में NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को विपक्ष के यशवंत सिन्हा चुनौती दे रहे हैं। 21 जुलाई को मतगणना होगी। राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ लेंगे। सुबह 10 से शाम 5 बजे तक होने वाले चुनाव में देशभर के विधायक मतदान में हिस्‍सा लेंगे। राष्ट्रपति चुनाव में आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने द्रौपदी मुर्मू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने यशवंत सिन्हा का समर्थन किया है। इतना ही नहीं, बीजेपी को छोड़कर सभी दलों ने सिन्हा को समर्थन किया है।

राष्‍ट्रपति चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। बैलेट पेपर से वोट डाले जाते हैं। हर बैलेट पेपर पर राष्ट्रपति चुनाव लड़ रहे सभी कैंडिडेट्स के नाम होते हैं। इलेक्टर्स सबसे पसंदीदा कैंडिडेट के नाम के आगे 1 और फिर दूसरे पसंदीदा कैंडिडेट के नाम के आगे 2, इसी तरह पसंद के अनुसार 3,4,5 लिखते हुए कैंडिडेट्स की मार्किंग करते हैं। इसीलिए इसे प्रेफरेंशल वोटिंग कहा जाता है। सांसदों को हरे रंग का मतपत्र और विधायकों को गुलाबी रंग का मतपत्र दिया जाएगा। मतदान के बाद मतपत्रों को सील कर प्रतिनिधियों की मौजूदगी में दिल्ली भेजा जाएगा।

इस चुनाव में उत्तर प्रदेश के विधायकों का मत मूल्य सबसे अधिक है। जबकि सिक्किम के विधायकों का मत मूल्य सबसे कम है। इस वोट मूल्य की गणना 1971 की जनगणना के आधार पर राज्य की कुल जनसंख्या के आधार पर की जाती है। आंध्र प्रदेश प्रत्येक विधायक का वोट मूल्य 159 हैं। विधायकों की संख्या 175 हैं। कुल वोट मूल्य 27,825 है। तेलंगाना के प्रत्येक विधायक का वोट मूल्य 132 हैं। विधायकों की संख्या 119 हैं। कुल वोट मूल्य 15708 हैं। उत्तर प्रदेश प्रत्येक विधायक का वोट मूल्य 208 हैं। विधायकों की संख्या 403 हैं। कुल वोट मूल्य 83,824 हैं। सिक्किम प्रत्येक विधायक का वोट मूल्य 7 हैं। विधायकों की संख्या 32 है। कुल वोट मूल्य 224 है।

इसी बीच यशवंत सिन्हा ने कहा, “मेरी विचारधारा भारत का संविधान है। मेरे प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार उन ताकतों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिनकी विचारधारा और एजेंडा संविधान को बदलना है। मैं भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा के लिए खड़ा हूं। मेरी प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार का समर्थन उन लोगों द्वारा किया जा रहा है जो लोकतंत्र पर रोजाना हमले कर रहे हैं।”

इसी क्रम में संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू होगा। मानसून सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है। इसके संकेत रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में भी देखने को मिले। विपक्ष ने अग्निपथ योजना, चीनी घुसपैठ और महंगाई समेत कई मुद्दे उठाये और सत्र के दौरान इन पर चर्चा की मांग की। (एजेंसियां)

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