हैदराबाद: तेलंगाना में सरकारी नौकरियों की भर्ती नहीं किये जाने के कारण डिग्री और पीजी की पढ़ाई कर चुके युवक वरंगल के एनुमामुला मार्केट में हमाली काम कर रहे हैं। कपास और मिर्च के बोरे उठाने के लिए खरीददार के पास मजदूरी कर रहे हैं। कांटा होने के बाद लॉरी में लोड़ करने के एवज में 3 से 5 रुपये दिया जा रहा है।
जनवरी से मिर्च का मौसम शुरू होने के चलते चार पैसे कमाने के उद्देश्य से ज्यादा समय तक पढ़े लिखे युवा हमाली का काम कर रहे हैं। मार्केट में हजारों की संख्या बोरे उठाने के क्रम में मिर्ची से पीठ जलने पर भी व्यापारियों की ओर से सौंपे गये काम को पूरा कर रहे है। कभी-कभी यह युवक खान-पान छोड़कर 18 घंटे तक भी काम कर रहे हैं।
वरंगल के एनुमामुला बाजार में लाइसेंसधारी खरीदार 400 हैं। वहीं कमीशन एजेंट 500 से 600 हैं। इनके पास नियमित रूप से लगभग 2,000 से 3,000 हमाली उपलब्ध रहते हैं। किसी भी मौसम के दौरान कपास के 40,000 से 50,000 बैग प्रतिदिन आसपास के जिलों से अनुमामुला बाजार में आते हैं। कभी-कभी मिर्ची तो एक दिन में 50,000 बोरी आते हैं।
इस प्रकार आये बैगों को कांटा होने के बाद समय-समय पर लॉरियों पर लादकर बाजार से बाहर ले जाना पड़ता है। इसे लेकर व्यापारियों की नजर तेजी से काम करने वाले युवाओं पर है। कम समय में ज्यादा बैग ले जाने की मंशा से युवकों को हमाली के काम पर ले रहे है।
एनुमामुला बाजार में शुरू में 500 छात्र और युवाओं के साथ हमाली का काम शुरू हुआ था। फरवरी और मार्च के महीने तक लगभग 2,500 तक पहुंचने की उम्मीद है। संयुक्त वरंगल जिलों के साथ-साथ वे अन्य क्षेत्रों से भी डिग्री और पीजी पढ़ चुके युवा हमाली काम के लिए आ रहा है। गांवों में एक-दूसरे को देखकर काम पर आने वालों की संख्या और बढ़ती जा रही है।
सरकारी नौकरी नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे युवा समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्हें नौकरी मिलेगी या नहीं। इसके चलते हमाली का काम करने आ रहे है। मिर्ची के मौसम में हमाली के काम के लिए कम से कम 2,500 युवा आते हैं। इनमें 1,000 युवाओँ ने दसवीं और इंटर पास किया हैं। जबकि अन्य 1,500 युवाओं ने डिग्री और पीजी किया है।