Cyclone Biporjoy: चक्रवात बिपरजॉय बहुत बड़ा और विकराल है, सुरक्षित जगहों पर 45 हजार लोग

अहमदाबाद/हैदराबाद: भयंकर रूप लेकर गुजरात की तरफ तेजी से बढ़ रहे समुद्री चक्रवात बिपरजॉय का लैंडफॉल कच्छ के जखाऊ (जखौ) पोर्ट पर होगा। बीते कुछ घंटों में चक्रवात बिपरजॉय की दिशा में हल्का सा परिवर्तन हुआ है। बिपरजॉय तूफान सुबह साढ़े पांच बजे जखाऊ पोर्ट से 180 किलोमीटर दूर पश्चिम दक्षिण पश्चिम में था। मौसम विभाग का अनुमान है कि महातूफान मांडवी और कराची के बीच जखाऊ पर लैंडफॉल कर सकता है।

इस दौरान 150 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलने और भारी बारिश की अनुमान है। गुजरात के इतिहास के सबसे भयावह चक्रवात के तौर पर दर्ज गुजरात साइक्लोन 1998 को लैंडफॉल कांडला पोर्ट पर हुआ था। तब कांडला पोर्ट को भारी नुकसान पहुंचा था। हालांकि जखाऊ में कांडला की तरह अब उनकी गतिविधियां नहीं हैं। यह एक खाली इलाका है।

गौरतलब है कि समुद्र तक तट के किनारे स्थित कच्छ जिले के एक छोटे से गांव का नाम जखाऊ है। इसी के चलते इस जगह को जखाऊ पोर्ट कहते हैं। कच्छ में कांडला और गांधीधाम पोर्ट का विकास होने के बाद जखाऊ पोर्ट पर धीरे-धीरे काम कम हो गया। वर्तमान में यहां पर बंदरगाह की गतिविधियां बेहद कम होती हैं। अब यह सिर्फ मछुआरों का गांव है। यहां की स्थानीय आबादी साढ़े पांच हजार के करीब है। यह कच्छ जिले के अबडासा में स्थित है। 300-400 साल पहले जखाऊ पोर्ट काफी अहमियत रखता था।

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भारत के नक्शे में दक्षिण से चलने पर सबसे कच्छ जिले को गांधीधाम पोर्ट आता है। इसके बाद मांडवी और फिर कंडला आता है। इसके बाद ऊपर की तरफ जाने पर नलिया और बाद में जखाऊ पोर्ट आता है। जखाऊ के बाद ऊपर की तरफ कच्छ जिले की लखपत तहसील का क्षेत्र है। लेकिन यह इलाका वी शेप के अंदर हैं। ऐसे में अनुसान यही है कि जखाऊ के आसपास ज्यादा नुकसान हो सकता है, हालांकि सरकार ने अब तक कच्छ के तटवर्ती इलाकों से 45 हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया है।

इसी क्रम में स्थानीय विधायक प्रद्युमन सिंह जडेजा और प्रभारी मंत्री प्रफुल्ल पनशेरिया कच्छ में ही मौजूद हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए एजेंसियों से साथ कोऑडीनेशन कर रहे हैं। जखाऊ अबडासा में आता है। अबडासा विधानसभा और तहसील है। जखाऊ के अलावा मांडवी, मुंद्रा, कांडला और नवलखी बंदरगाहों पर 10 नंबर की चेतावनी जारी की गई है।

समुद्री चक्रवात बिपरजॉय बहुत बड़ा और विकराल है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसका लैंडफॉल कराची और मांडवी के बीच कितना नुकसान होगा। कराची और मांडवी के बीच की समुद्र रास्ते से दूरी 321 किलोमीटर की है। जबकि कराची और जखाऊ के बीच की दूरी 252 किलोमीटर की है। ऊपर देखें कि बिपरजॉय गुजरात के कितने नजदीक पहुंच चुका है। लैंडफाल के बाद कई घंटे तेज हवा रहने की उम्मीद की जा रही है। रात 10 बजे के बाद हवा की रफ्तार कम हो जाएगी। (एजेंसियां)

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