हैदराबाद : केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी से मरनेवालों के परिजनों को मुआवजा देने का फैसला किया है। कुठ महीनों तक चली सुनवाई और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आखिरकार केंद्र ने कोरोना महामारी से मरनेवालों के परिजनों को मुआवजा देने का निर्णय लिया है।
केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोरोना से मरने वालों लोगों के परिवार को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। हलफनामे में कहा गया है कि अनुग्रह राशि स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फण्ड से दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों के लिए अनुग्रह राशि पर दिशा-निर्देश जारी किया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राज्यों द्वारा राज्य आपदा राहत कोष से भुगतान करने के लिए 50 हजार निर्धारित किया है।
गौरतलब है कि कोरोना से मरने वालों के परिवार को मुआवजा देने की नीति तय न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हुई सुनवाई के दौरान नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने केंद्र को मुआवजा नीति बनाने के अलावा डेथ सर्टिफिकेट में मौत की सही वजह दर्ज करने की व्यवस्था बनाने के लिए भी कहा था। मामले में अब तक जवाब दाखिल न होने पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा था कि आप जब तक कदम उठाएंगे, तब तक तीसरी लहर भी आकर जा चुकी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को दिए आदेश में देश में कोरोना से हुई हर मौत के लिए मुआवजा देने को कहा था। कोर्ट ने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी से कहा था कि वह 6 हफ्ते में मुआवजे की रकम तय कर राज्यों को सूचित करे। कोर्ट ने माना था कि इस तरह की आपदा में लोगों को मुआवजा देना सरकार का वैधानिक कर्तव्य है। मगर मुआवजे की रकम कितनी होगी, यह फैसला कोर्ट ने सरकार पर ही छोड़ दिया था। मामले के याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि अस्पताल से मृतकों को सीधा अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा है।
स्टिस एम आर शाह और अनिरुद्ध बोस की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की थी। सुनवाई की शुरुआत में ही एडिशनल सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को सूचित किया था कि अब तक हलफनामा दाखिल नहीं हो पाया है। भाटी ने इसके लिए 10 दिन का समय मांगा था। कोर्ट में मौजूद सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा कि मामला अभी सरकार के पास विचाराधीन है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जस्टिस शाह ने कहा था कि आदेश आए हुए लंबा समय बीत चुका है। सरकार जब तक कुछ करेगी, तब तक तीसरी लहर भी बीत चुकी होगी (एजेंसियां)
After the order of the Supreme Court, National Disaster Management Authority (NDMA) issues guidelines on ex-gratia for COVID-19 deaths and recommended that Rs 50,000 to be paid to the kin of those who died of COVID-19 out of state disaster relief funds pic.twitter.com/spcIbVjPVp
— ANI (@ANI) September 22, 2021